357

10.1.357

चौपाई
ముని ప్రసాద బలి తాత తుమ్హారీ. ఈస అనేక కరవరేం టారీ..
మఖ రఖవారీ కరి దుహుభాఈ. గురు ప్రసాద సబ బిద్యా పాఈ..
మునితయ తరీ లగత పగ ధూరీ. కీరతి రహీ భువన భరి పూరీ..
కమఠ పీఠి పబి కూట కఠోరా. నృప సమాజ మహుసివ ధను తోరా..
బిస్వ బిజయ జసు జానకి పాఈ. ఆఏ భవన బ్యాహి సబ భాఈ..
సకల అమానుష కరమ తుమ్హారే. కేవల కౌసిక కృపాసుధారే..
ఆజు సుఫల జగ జనము హమారా. దేఖి తాత బిధుబదన తుమ్హారా..
జే దిన గఏ తుమ్హహి బిను దేఖేం. తే బిరంచి జని పారహిం లేఖేం..

9.1.357

चौपाई
முநி ப்ரஸாத பலி தாத தும்ஹாரீ. ஈஸ அநேக கரவரேஂ டாரீ..
மக ரகவாரீ கரி துஹுபாஈ. குரு ப்ரஸாத ஸப பித்யா பாஈ..
முநிதய தரீ லகத பக தூரீ. கீரதி ரஹீ புவந பரி பூரீ..
கமட பீடி பபி கூட கடோரா. நரிப ஸமாஜ மஹுஸிவ தநு தோரா..
பிஸ்வ பிஜய ஜஸு ஜாநகி பாஈ. ஆஏ பவந ப்யாஹி ஸப பாஈ..
ஸகல அமாநுஷ கரம தும்ஹாரே. கேவல கௌஸிக கரிபாஸுதாரே..
ஆஜு ஸுபல ஜக ஜநமு ஹமாரா. தேகி தாத பிதுபதந தும்ஹாரா..
ஜே திந கஏ தும்ஹஹி பிநு தேகேஂ. தே பிரஂசி ஜநி பாரஹிஂ லேகேஂ..

8.1.357

चौपाई
muni prasāda bali tāta tumhārī. īsa anēka karavarēṃ ṭārī..
makha rakhavārī kari duhuom bhāī. guru prasāda saba bidyā pāī..
munitaya tarī lagata paga dhūrī. kīrati rahī bhuvana bhari pūrī..
kamaṭha pīṭhi pabi kūṭa kaṭhōrā. nṛpa samāja mahuom siva dhanu tōrā..
bisva bijaya jasu jānaki pāī. āē bhavana byāhi saba bhāī..
sakala amānuṣa karama tumhārē. kēvala kausika kṛpāom sudhārē..
āju suphala jaga janamu hamārā. dēkhi tāta bidhubadana tumhārā..
jē dina gaē tumhahi binu dēkhēṃ. tē biraṃci jani pārahiṃ lēkhēṃ..

7.1.357

चौपाई
ਮੁਨਿ ਪ੍ਰਸਾਦ ਬਲਿ ਤਾਤ ਤੁਮ੍ਹਾਰੀ। ਈਸ ਅਨੇਕ ਕਰਵਰੇਂ ਟਾਰੀ।।
ਮਖ ਰਖਵਾਰੀ ਕਰਿ ਦੁਹੁਭਾਈ। ਗੁਰੁ ਪ੍ਰਸਾਦ ਸਬ ਬਿਦ੍ਯਾ ਪਾਈ।।
ਮੁਨਿਤਯ ਤਰੀ ਲਗਤ ਪਗ ਧੂਰੀ। ਕੀਰਤਿ ਰਹੀ ਭੁਵਨ ਭਰਿ ਪੂਰੀ।।
ਕਮਠ ਪੀਠਿ ਪਬਿ ਕੂਟ ਕਠੋਰਾ। ਨਰਿਪ ਸਮਾਜ ਮਹੁਸਿਵ ਧਨੁ ਤੋਰਾ।।
ਬਿਸ੍ਵ ਬਿਜਯ ਜਸੁ ਜਾਨਕਿ ਪਾਈ। ਆਏ ਭਵਨ ਬ੍ਯਾਹਿ ਸਬ ਭਾਈ।।
ਸਕਲ ਅਮਾਨੁਸ਼ ਕਰਮ ਤੁਮ੍ਹਾਰੇ। ਕੇਵਲ ਕੌਸਿਕ ਕਰਿਪਾਸੁਧਾਰੇ।।
ਆਜੁ ਸੁਫਲ ਜਗ ਜਨਮੁ ਹਮਾਰਾ। ਦੇਖਿ ਤਾਤ ਬਿਧੁਬਦਨ ਤੁਮ੍ਹਾਰਾ।।
ਜੇ ਦਿਨ ਗਏ ਤੁਮ੍ਹਹਿ ਬਿਨੁ ਦੇਖੇਂ। ਤੇ ਬਿਰਂਚਿ ਜਨਿ ਪਾਰਹਿਂ ਲੇਖੇਂ।।

6.1.357

चौपाई
ମୁନି ପ୍ରସାଦ ବଲି ତାତ ତୁମ୍ହାରୀ| ଈସ ଅନେକ କରବରେଂ ଟାରୀ||
ମଖ ରଖବାରୀ କରି ଦୁହୁଭାଈ| ଗୁରୁ ପ୍ରସାଦ ସବ ବିଦ୍ଯା ପାଈ||
ମୁନିତଯ ତରୀ ଲଗତ ପଗ ଧୂରୀ| କୀରତି ରହୀ ଭୁବନ ଭରି ପୂରୀ||
କମଠ ପୀଠି ପବି କୂଟ କଠୋରା| ନୃପ ସମାଜ ମହୁସିବ ଧନୁ ତୋରା||
ବିସ୍ବ ବିଜଯ ଜସୁ ଜାନକି ପାଈ| ଆଏ ଭବନ ବ୍ଯାହି ସବ ଭାଈ||
ସକଲ ଅମାନୁଷ କରମ ତୁମ୍ହାରେ| କେବଲ କୌସିକ କୃପାସୁଧାରେ||
ଆଜୁ ସୁଫଲ ଜଗ ଜନମୁ ହମାରା| ଦେଖି ତାତ ବିଧୁବଦନ ତୁମ୍ହାରା||
ଜେ ଦିନ ଗଏ ତୁମ୍ହହି ବିନୁ ଦେଖେଂ| ତେ ବିରଂଚି ଜନି ପାରହିଂ ଲେଖେଂ||

5.1.357

चौपाई
മുനി പ്രസാദ ബലി താത തുമ്ഹാരീ. ഈസ അനേക കരവരേം ടാരീ..
മഖ രഖവാരീ കരി ദുഹുഭാഈ. ഗുരു പ്രസാദ സബ ബിദ്യാ പാഈ..
മുനിതയ തരീ ലഗത പഗ ധൂരീ. കീരതി രഹീ ഭുവന ഭരി പൂരീ..
കമഠ പീഠി പബി കൂട കഠോരാ. നൃപ സമാജ മഹുസിവ ധനു തോരാ..
ബിസ്വ ബിജയ ജസു ജാനകി പാഈ. ആഏ ഭവന ബ്യാഹി സബ ഭാഈ..
സകല അമാനുഷ കരമ തുമ്ഹാരേ. കേവല കൌസിക കൃപാസുധാരേ..
ആജു സുഫല ജഗ ജനമു ഹമാരാ. ദേഖി താത ബിധുബദന തുമ്ഹാരാ..
ജേ ദിന ഗഏ തുമ്ഹഹി ബിനു ദേഖേം. തേ ബിരംചി ജനി പാരഹിം ലേഖേം..

4.1.357

चौपाई
ಮುನಿ ಪ್ರಸಾದ ಬಲಿ ತಾತ ತುಮ್ಹಾರೀ. ಈಸ ಅನೇಕ ಕರವರೇಂ ಟಾರೀ..
ಮಖ ರಖವಾರೀ ಕರಿ ದುಹುಭಾಈ. ಗುರು ಪ್ರಸಾದ ಸಬ ಬಿದ್ಯಾ ಪಾಈ..
ಮುನಿತಯ ತರೀ ಲಗತ ಪಗ ಧೂರೀ. ಕೀರತಿ ರಹೀ ಭುವನ ಭರಿ ಪೂರೀ..
ಕಮಠ ಪೀಠಿ ಪಬಿ ಕೂಟ ಕಠೋರಾ. ನೃಪ ಸಮಾಜ ಮಹುಸಿವ ಧನು ತೋರಾ..
ಬಿಸ್ವ ಬಿಜಯ ಜಸು ಜಾನಕಿ ಪಾಈ. ಆಏ ಭವನ ಬ್ಯಾಹಿ ಸಬ ಭಾಈ..
ಸಕಲ ಅಮಾನುಷ ಕರಮ ತುಮ್ಹಾರೇ. ಕೇವಲ ಕೌಸಿಕ ಕೃಪಾಸುಧಾರೇ..
ಆಜು ಸುಫಲ ಜಗ ಜನಮು ಹಮಾರಾ. ದೇಖಿ ತಾತ ಬಿಧುಬದನ ತುಮ್ಹಾರಾ..
ಜೇ ದಿನ ಗಏ ತುಮ್ಹಹಿ ಬಿನು ದೇಖೇಂ. ತೇ ಬಿರಂಚಿ ಜನಿ ಪಾರಹಿಂ ಲೇಖೇಂ..

3.1.357

चौपाई
મુનિ પ્રસાદ બલિ તાત તુમ્હારી। ઈસ અનેક કરવરેં ટારી।।
મખ રખવારી કરિ દુહુભાઈ। ગુરુ પ્રસાદ સબ બિદ્યા પાઈ।।
મુનિતય તરી લગત પગ ધૂરી। કીરતિ રહી ભુવન ભરિ પૂરી।।
કમઠ પીઠિ પબિ કૂટ કઠોરા। નૃપ સમાજ મહુસિવ ધનુ તોરા।।
બિસ્વ બિજય જસુ જાનકિ પાઈ। આએ ભવન બ્યાહિ સબ ભાઈ।।
સકલ અમાનુષ કરમ તુમ્હારે। કેવલ કૌસિક કૃપાસુધારે।।
આજુ સુફલ જગ જનમુ હમારા। દેખિ તાત બિધુબદન તુમ્હારા।।
જે દિન ગએ તુમ્હહિ બિનુ દેખેં। તે બિરંચિ જનિ પારહિં લેખેં।।

2.1.357

चौपाई
মুনি প্রসাদ বলি তাত তুম্হারী৷ ঈস অনেক করবরেং টারী৷৷
মখ রখবারী করি দুহুভাঈ৷ গুরু প্রসাদ সব বিদ্যা পাঈ৷৷
মুনিতয তরী লগত পগ ধূরী৷ কীরতি রহী ভুবন ভরি পূরী৷৷
কমঠ পীঠি পবি কূট কঠোরা৷ নৃপ সমাজ মহুসিব ধনু তোরা৷৷
বিস্ব বিজয জসু জানকি পাঈ৷ আএ ভবন ব্যাহি সব ভাঈ৷৷
সকল অমানুষ করম তুম্হারে৷ কেবল কৌসিক কৃপাসুধারে৷৷
আজু সুফল জগ জনমু হমারা৷ দেখি তাত বিধুবদন তুম্হারা৷৷
জে দিন গএ তুম্হহি বিনু দেখেং৷ তে বিরংচি জনি পারহিং লেখেং৷৷

1.1.357

चौपाई
मुनि प्रसाद बलि तात तुम्हारी। ईस अनेक करवरें टारी।।
मख रखवारी करि दुहुँ भाई। गुरु प्रसाद सब बिद्या पाई।।
मुनितय तरी लगत पग धूरी। कीरति रही भुवन भरि पूरी।।
कमठ पीठि पबि कूट कठोरा। नृप समाज महुँ सिव धनु तोरा।।
बिस्व बिजय जसु जानकि पाई। आए भवन ब्याहि सब भाई।।
सकल अमानुष करम तुम्हारे। केवल कौसिक कृपाँ सुधारे।।
आजु सुफल जग जनमु हमारा। देखि तात बिधुबदन तुम्हारा।।
जे दिन गए तुम्हहि बिनु देखें। ते बिरंचि जनि पारहिं लेखें।।

दोहा/सोरठा

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