201

5.2.201

चौपाई
രാമ സുനാ ദുഖു കാന ന കാഊ. ജീവനതരു ജിമി ജോഗവഇ രാഊ..
പലക നയന ഫനി മനി ജേഹി ഭാീ. ജോഗവഹിം ജനനി സകല ദിന രാതീ..
തേ അബ ഫിരത ബിപിന പദചാരീ. കംദ മൂല ഫല ഫൂല അഹാരീ..
ധിഗ കൈകേഈ അമംഗല മൂലാ. ഭഇസി പ്രാന പ്രിയതമ പ്രതികൂലാ..
മൈം ധിഗ ധിഗ അഘ ഉദധി അഭാഗീ. സബു ഉതപാതു ഭയഉ ജേഹി ലാഗീ..
കുല കലംകു കരി സൃജേഉ ബിധാതാ സാഇോഹ മോഹി കീന്ഹ കുമാതാ.
സുനി സപ്രേമ സമുഝാവ നിഷാദൂ. നാഥ കരിഅ കത ബാദി ബിഷാദൂ..
രാമ തുമ്ഹഹി പ്രിയ തുമ്ഹ പ്രിയ രാമഹി. യഹ നിരജോസു ദോസു ബിധി ബാമഹി..

5.1.201

चौपाई
ഏക ബാര ജനനീം അന്ഹവാഏ. കരി സിംഗാര പലനാപൌഢഏ..
നിജ കുല ഇഷ്ടദേവ ഭഗവാനാ. പൂജാ ഹേതു കീന്ഹ അസ്നാനാ..
കരി പൂജാ നൈബേദ്യ ചഢവാ. ആപു ഗഈ ജഹപാക ബനാവാ..
ബഹുരി മാതു തഹവാചലി ആഈ. ഭോജന കരത ദേഖ സുത ജാഈ..
ഗൈ ജനനീ സിസു പഹിം ഭയഭീതാ. ദേഖാ ബാല തഹാപുനി സൂതാ..
ബഹുരി ആഇ ദേഖാ സുത സോഈ. ഹൃദയകംപ മന ധീര ന ഹോഈ..
ഇഹാഉഹാദുഇ ബാലക ദേഖാ. മതിഭ്രമ മോര കി ആന ബിസേഷാ..
ദേഖി രാമ ജനനീ അകുലാനീ. പ്രഭു ഹി ദീന്ഹ മധുര മുസുകാനീ..

4.2.201

चौपाई
ರಾಮ ಸುನಾ ದುಖು ಕಾನ ನ ಕಾಊ. ಜೀವನತರು ಜಿಮಿ ಜೋಗವಇ ರಾಊ..
ಪಲಕ ನಯನ ಫನಿ ಮನಿ ಜೇಹಿ ಭಾೀ. ಜೋಗವಹಿಂ ಜನನಿ ಸಕಲ ದಿನ ರಾತೀ..
ತೇ ಅಬ ಫಿರತ ಬಿಪಿನ ಪದಚಾರೀ. ಕಂದ ಮೂಲ ಫಲ ಫೂಲ ಅಹಾರೀ..
ಧಿಗ ಕೈಕೇಈ ಅಮಂಗಲ ಮೂಲಾ. ಭಇಸಿ ಪ್ರಾನ ಪ್ರಿಯತಮ ಪ್ರತಿಕೂಲಾ..
ಮೈಂ ಧಿಗ ಧಿಗ ಅಘ ಉದಧಿ ಅಭಾಗೀ. ಸಬು ಉತಪಾತು ಭಯಉ ಜೇಹಿ ಲಾಗೀ..
ಕುಲ ಕಲಂಕು ಕರಿ ಸೃಜೇಉ ಬಿಧಾತಾ ಸಾಇೋಹ ಮೋಹಿ ಕೀನ್ಹ ಕುಮಾತಾ.
ಸುನಿ ಸಪ್ರೇಮ ಸಮುಝಾವ ನಿಷಾದೂ. ನಾಥ ಕರಿಅ ಕತ ಬಾದಿ ಬಿಷಾದೂ..
ರಾಮ ತುಮ್ಹಹಿ ಪ್ರಿಯ ತುಮ್ಹ ಪ್ರಿಯ ರಾಮಹಿ. ಯಹ ನಿರಜೋಸು ದೋಸು ಬಿಧಿ ಬಾಮಹಿ..

4.1.201

चौपाई
ಏಕ ಬಾರ ಜನನೀಂ ಅನ್ಹವಾಏ. ಕರಿ ಸಿಂಗಾರ ಪಲನಾಪೌಢಏ..
ನಿಜ ಕುಲ ಇಷ್ಟದೇವ ಭಗವಾನಾ. ಪೂಜಾ ಹೇತು ಕೀನ್ಹ ಅಸ್ನಾನಾ..
ಕರಿ ಪೂಜಾ ನೈಬೇದ್ಯ ಚಢವಾ. ಆಪು ಗಈ ಜಹಪಾಕ ಬನಾವಾ..
ಬಹುರಿ ಮಾತು ತಹವಾಚಲಿ ಆಈ. ಭೋಜನ ಕರತ ದೇಖ ಸುತ ಜಾಈ..
ಗೈ ಜನನೀ ಸಿಸು ಪಹಿಂ ಭಯಭೀತಾ. ದೇಖಾ ಬಾಲ ತಹಾಪುನಿ ಸೂತಾ..
ಬಹುರಿ ಆಇ ದೇಖಾ ಸುತ ಸೋಈ. ಹೃದಯಕಂಪ ಮನ ಧೀರ ನ ಹೋಈ..
ಇಹಾಉಹಾದುಇ ಬಾಲಕ ದೇಖಾ. ಮತಿಭ್ರಮ ಮೋರ ಕಿ ಆನ ಬಿಸೇಷಾ..
ದೇಖಿ ರಾಮ ಜನನೀ ಅಕುಲಾನೀ. ಪ್ರಭು ಹಿ ದೀನ್ಹ ಮಧುರ ಮುಸುಕಾನೀ..

3.2.201

चौपाई
રામ સુના દુખુ કાન ન કાઊ। જીવનતરુ જિમિ જોગવઇ રાઊ।।
પલક નયન ફનિ મનિ જેહિ ભાી। જોગવહિં જનનિ સકલ દિન રાતી।।
તે અબ ફિરત બિપિન પદચારી। કંદ મૂલ ફલ ફૂલ અહારી।।
ધિગ કૈકેઈ અમંગલ મૂલા। ભઇસિ પ્રાન પ્રિયતમ પ્રતિકૂલા।।
મૈં ધિગ ધિગ અઘ ઉદધિ અભાગી। સબુ ઉતપાતુ ભયઉ જેહિ લાગી।।
કુલ કલંકુ કરિ સૃજેઉ બિધાતા સાઇોહ મોહિ કીન્હ કુમાતા।
સુનિ સપ્રેમ સમુઝાવ નિષાદૂ। નાથ કરિઅ કત બાદિ બિષાદૂ।।
રામ તુમ્હહિ પ્રિય તુમ્હ પ્રિય રામહિ। યહ નિરજોસુ દોસુ બિધિ બામહિ।।

3.1.201

चौपाई
એક બાર જનનીં અન્હવાએ। કરિ સિંગાર પલનાપૌઢ઼ાએ।।
નિજ કુલ ઇષ્ટદેવ ભગવાના। પૂજા હેતુ કીન્હ અસ્નાના।।
કરિ પૂજા નૈબેદ્ય ચઢ઼ાવા। આપુ ગઈ જહપાક બનાવા।।
બહુરિ માતુ તહવાચલિ આઈ। ભોજન કરત દેખ સુત જાઈ।।
ગૈ જનની સિસુ પહિં ભયભીતા। દેખા બાલ તહાપુનિ સૂતા।।
બહુરિ આઇ દેખા સુત સોઈ। હૃદયકંપ મન ધીર ન હોઈ।।
ઇહાઉહાદુઇ બાલક દેખા। મતિભ્રમ મોર કિ આન બિસેષા।।
દેખિ રામ જનની અકુલાની। પ્રભુ હિ દીન્હ મધુર મુસુકાની।।

2.2.201

चौपाई
রাম সুনা দুখু কান ন কাঊ৷ জীবনতরু জিমি জোগবই রাঊ৷৷
পলক নযন ফনি মনি জেহি ভাী৷ জোগবহিং জননি সকল দিন রাতী৷৷
তে অব ফিরত বিপিন পদচারী৷ কংদ মূল ফল ফূল অহারী৷৷
ধিগ কৈকেঈ অমংগল মূলা৷ ভইসি প্রান প্রিযতম প্রতিকূলা৷৷
মৈং ধিগ ধিগ অঘ উদধি অভাগী৷ সবু উতপাতু ভযউ জেহি লাগী৷৷
কুল কলংকু করি সৃজেউ বিধাতা সাইোহ মোহি কীন্হ কুমাতা৷
সুনি সপ্রেম সমুঝাব নিষাদূ৷ নাথ করিঅ কত বাদি বিষাদূ৷৷
রাম তুম্হহি প্রিয তুম্হ প্রিয রামহি৷ যহ নিরজোসু দোসু বিধি বামহি৷৷

2.1.201

चौपाई
এক বার জননীং অন্হবাএ৷ করি সিংগার পলনাপৌঢ়াএ৷৷
নিজ কুল ইষ্টদেব ভগবানা৷ পূজা হেতু কীন্হ অস্নানা৷৷
করি পূজা নৈবেদ্য চঢ়াবা৷ আপু গঈ জহপাক বনাবা৷৷
বহুরি মাতু তহবাচলি আঈ৷ ভোজন করত দেখ সুত জাঈ৷৷
গৈ জননী সিসু পহিং ভযভীতা৷ দেখা বাল তহাপুনি সূতা৷৷
বহুরি আই দেখা সুত সোঈ৷ হৃদযকংপ মন ধীর ন হোঈ৷৷
ইহাউহাদুই বালক দেখা৷ মতিভ্রম মোর কি আন বিসেষা৷৷
দেখি রাম জননী অকুলানী৷ প্রভু হি দীন্হ মধুর মুসুকানী৷৷

1.2.201

चौपाई
राम सुना दुखु कान न काऊ। जीवनतरु जिमि जोगवइ राऊ।।
पलक नयन फनि मनि जेहि भाँती। जोगवहिं जननि सकल दिन राती।।
ते अब फिरत बिपिन पदचारी। कंद मूल फल फूल अहारी।।
धिग कैकेई अमंगल मूला। भइसि प्रान प्रियतम प्रतिकूला।।
मैं धिग धिग अघ उदधि अभागी। सबु उतपातु भयउ जेहि लागी।।
कुल कलंकु करि सृजेउ बिधाताँ। साइँदोह मोहि कीन्ह कुमाताँ।।
सुनि सप्रेम समुझाव निषादू। नाथ करिअ कत बादि बिषादू।।
राम तुम्हहि प्रिय तुम्ह प्रिय रामहि। यह निरजोसु दोसु बिधि बामहि।।

1.1.201

चौपाई
एक बार जननीं अन्हवाए। करि सिंगार पलनाँ पौढ़ाए।।
निज कुल इष्टदेव भगवाना। पूजा हेतु कीन्ह अस्नाना।।
करि पूजा नैबेद्य चढ़ावा। आपु गई जहँ पाक बनावा।।
बहुरि मातु तहवाँ चलि आई। भोजन करत देख सुत जाई।।
गै जननी सिसु पहिं भयभीता। देखा बाल तहाँ पुनि सूता।।
बहुरि आइ देखा सुत सोई। हृदयँ कंप मन धीर न होई।।
इहाँ उहाँ दुइ बालक देखा। मतिभ्रम मोर कि आन बिसेषा।।
देखि राम जननी अकुलानी। प्रभु हँसि दीन्ह मधुर मुसुकानी।।

दोहा/सोरठा

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