329

10.1.329

चौपाई
పంచ కవల కరి జేవన లఅగే. గారి గాన సుని అతి అనురాగే..
భాి అనేక పరే పకవానే. సుధా సరిస నహిం జాహిం బఖానే..
పరుసన లగే సుఆర సుజానా. బింజన బిబిధ నామ కో జానా..
చారి భాి భోజన బిధి గాఈ. ఏక ఏక బిధి బరని న జాఈ..
ఛరస రుచిర బింజన బహు జాతీ. ఏక ఏక రస అగనిత భాీ..
జేవ దేహిం మధుర ధుని గారీ. లై లై నామ పురుష అరు నారీ..
సమయ సుహావని గారి బిరాజా. హత రాఉ సుని సహిత సమాజా..
ఏహి బిధి సబహీం భౌజను కీన్హా. ఆదర సహిత ఆచమను దీన్హా..

9.1.329

चौपाई
பஂச கவல கரி ஜேவந லஅகே. காரி காந ஸுநி அதி அநுராகே..
பாி அநேக பரே பகவாநே. ஸுதா ஸரிஸ நஹிஂ ஜாஹிஂ பகாநே..
பருஸந லகே ஸுஆர ஸுஜாநா. பிஂஜந பிபித நாம கோ ஜாநா..
சாரி பாி போஜந பிதி காஈ. ஏக ஏக பிதி பரநி ந ஜாஈ..
சரஸ ருசிர பிஂஜந பஹு ஜாதீ. ஏக ஏக ரஸ அகநித பாீ..
ஜேவ தேஹிஂ மதுர துநி காரீ. லை லை நாம புருஷ அரு நாரீ..
ஸமய ஸுஹாவநி காரி பிராஜா. ஹத ராஉ ஸுநி ஸஹித ஸமாஜா..
ஏஹி பிதி ஸபஹீஂ பௌஜநு கீந்ஹா. ஆதர ஸஹித ஆசமநு தீந்ஹா..

8.1.329

चौपाई
paṃca kavala kari jēvana laagē. gāri gāna suni ati anurāgē..
bhāomti anēka parē pakavānē. sudhā sarisa nahiṃ jāhiṃ bakhānē..
parusana lagē suāra sujānā. biṃjana bibidha nāma kō jānā..
cāri bhāomti bhōjana bidhi gāī. ēka ēka bidhi barani na jāī..
charasa rucira biṃjana bahu jātī. ēka ēka rasa aganita bhāomtī..
jēvaomta dēhiṃ madhura dhuni gārī. lai lai nāma puruṣa aru nārī..
samaya suhāvani gāri birājā. haomsata rāu suni sahita samājā..
ēhi bidhi sabahīṃ bhaujanu kīnhā. ādara sahita ācamanu dīnhā..

7.1.329

चौपाई
ਪਂਚ ਕਵਲ ਕਰਿ ਜੇਵਨ ਲਅਗੇ। ਗਾਰਿ ਗਾਨ ਸੁਨਿ ਅਤਿ ਅਨੁਰਾਗੇ।।
ਭਾਿ ਅਨੇਕ ਪਰੇ ਪਕਵਾਨੇ। ਸੁਧਾ ਸਰਿਸ ਨਹਿਂ ਜਾਹਿਂ ਬਖਾਨੇ।।
ਪਰੁਸਨ ਲਗੇ ਸੁਆਰ ਸੁਜਾਨਾ। ਬਿਂਜਨ ਬਿਬਿਧ ਨਾਮ ਕੋ ਜਾਨਾ।।
ਚਾਰਿ ਭਾਿ ਭੋਜਨ ਬਿਧਿ ਗਾਈ। ਏਕ ਏਕ ਬਿਧਿ ਬਰਨਿ ਨ ਜਾਈ।।
ਛਰਸ ਰੁਚਿਰ ਬਿਂਜਨ ਬਹੁ ਜਾਤੀ। ਏਕ ਏਕ ਰਸ ਅਗਨਿਤ ਭਾੀ।।
ਜੇਵ ਦੇਹਿਂ ਮਧੁਰ ਧੁਨਿ ਗਾਰੀ। ਲੈ ਲੈ ਨਾਮ ਪੁਰੁਸ਼ ਅਰੁ ਨਾਰੀ।।
ਸਮਯ ਸੁਹਾਵਨਿ ਗਾਰਿ ਬਿਰਾਜਾ। ਹਤ ਰਾਉ ਸੁਨਿ ਸਹਿਤ ਸਮਾਜਾ।।
ਏਹਿ ਬਿਧਿ ਸਬਹੀਂ ਭੌਜਨੁ ਕੀਨ੍ਹਾ। ਆਦਰ ਸਹਿਤ ਆਚਮਨੁ ਦੀਨ੍ਹਾ।।

6.1.329

चौपाई
ପଂଚ କବଲ କରି ଜେବନ ଲଅଗେ| ଗାରି ଗାନ ସୁନି ଅତି ଅନୁରାଗେ||
ଭାି ଅନେକ ପରେ ପକବାନେ| ସୁଧା ସରିସ ନହିଂ ଜାହିଂ ବଖାନେ||
ପରୁସନ ଲଗେ ସୁଆର ସୁଜାନା| ବିଂଜନ ବିବିଧ ନାମ କୋ ଜାନା||
ଚାରି ଭାି ଭୋଜନ ବିଧି ଗାଈ| ଏକ ଏକ ବିଧି ବରନି ନ ଜାଈ||
ଛରସ ରୁଚିର ବିଂଜନ ବହୁ ଜାତୀ| ଏକ ଏକ ରସ ଅଗନିତ ଭାୀ||
ଜେବ ଦେହିଂ ମଧୁର ଧୁନି ଗାରୀ| ଲୈ ଲୈ ନାମ ପୁରୁଷ ଅରୁ ନାରୀ||
ସମଯ ସୁହାବନି ଗାରି ବିରାଜା| ହତ ରାଉ ସୁନି ସହିତ ସମାଜା||
ଏହି ବିଧି ସବହୀଂ ଭୌଜନୁ କୀନ୍ହା| ଆଦର ସହିତ ଆଚମନୁ ଦୀନ୍ହା||

5.1.329

चौपाई
പംച കവല കരി ജേവന ലഅഗേ. ഗാരി ഗാന സുനി അതി അനുരാഗേ..
ഭാി അനേക പരേ പകവാനേ. സുധാ സരിസ നഹിം ജാഹിം ബഖാനേ..
പരുസന ലഗേ സുആര സുജാനാ. ബിംജന ബിബിധ നാമ കോ ജാനാ..
ചാരി ഭാി ഭോജന ബിധി ഗാഈ. ഏക ഏക ബിധി ബരനി ന ജാഈ..
ഛരസ രുചിര ബിംജന ബഹു ജാതീ. ഏക ഏക രസ അഗനിത ഭാീ..
ജേവ ദേഹിം മധുര ധുനി ഗാരീ. ലൈ ലൈ നാമ പുരുഷ അരു നാരീ..
സമയ സുഹാവനി ഗാരി ബിരാജാ. ഹത രാഉ സുനി സഹിത സമാജാ..
ഏഹി ബിധി സബഹീം ഭൌജനു കീന്ഹാ. ആദര സഹിത ആചമനു ദീന്ഹാ..

4.1.329

चौपाई
ಪಂಚ ಕವಲ ಕರಿ ಜೇವನ ಲಅಗೇ. ಗಾರಿ ಗಾನ ಸುನಿ ಅತಿ ಅನುರಾಗೇ..
ಭಾಿ ಅನೇಕ ಪರೇ ಪಕವಾನೇ. ಸುಧಾ ಸರಿಸ ನಹಿಂ ಜಾಹಿಂ ಬಖಾನೇ..
ಪರುಸನ ಲಗೇ ಸುಆರ ಸುಜಾನಾ. ಬಿಂಜನ ಬಿಬಿಧ ನಾಮ ಕೋ ಜಾನಾ..
ಚಾರಿ ಭಾಿ ಭೋಜನ ಬಿಧಿ ಗಾಈ. ಏಕ ಏಕ ಬಿಧಿ ಬರನಿ ನ ಜಾಈ..
ಛರಸ ರುಚಿರ ಬಿಂಜನ ಬಹು ಜಾತೀ. ಏಕ ಏಕ ರಸ ಅಗನಿತ ಭಾೀ..
ಜೇವ ದೇಹಿಂ ಮಧುರ ಧುನಿ ಗಾರೀ. ಲೈ ಲೈ ನಾಮ ಪುರುಷ ಅರು ನಾರೀ..
ಸಮಯ ಸುಹಾವನಿ ಗಾರಿ ಬಿರಾಜಾ. ಹತ ರಾಉ ಸುನಿ ಸಹಿತ ಸಮಾಜಾ..
ಏಹಿ ಬಿಧಿ ಸಬಹೀಂ ಭೌಜನು ಕೀನ್ಹಾ. ಆದರ ಸಹಿತ ಆಚಮನು ದೀನ್ಹಾ..

3.1.329

चौपाई
પંચ કવલ કરિ જેવન લઅગે। ગારિ ગાન સુનિ અતિ અનુરાગે।।
ભાિ અનેક પરે પકવાને। સુધા સરિસ નહિં જાહિં બખાને।।
પરુસન લગે સુઆર સુજાના। બિંજન બિબિધ નામ કો જાના।।
ચારિ ભાિ ભોજન બિધિ ગાઈ। એક એક બિધિ બરનિ ન જાઈ।।
છરસ રુચિર બિંજન બહુ જાતી। એક એક રસ અગનિત ભાી।।
જેવ દેહિં મધુર ધુનિ ગારી। લૈ લૈ નામ પુરુષ અરુ નારી।।
સમય સુહાવનિ ગારિ બિરાજા। હત રાઉ સુનિ સહિત સમાજા।।
એહિ બિધિ સબહીં ભૌજનુ કીન્હા। આદર સહિત આચમનુ દીન્હા।।

2.1.329

चौपाई
পংচ কবল করি জেবন লঅগে৷ গারি গান সুনি অতি অনুরাগে৷৷
ভাি অনেক পরে পকবানে৷ সুধা সরিস নহিং জাহিং বখানে৷৷
পরুসন লগে সুআর সুজানা৷ বিংজন বিবিধ নাম কো জানা৷৷
চারি ভাি ভোজন বিধি গাঈ৷ এক এক বিধি বরনি ন জাঈ৷৷
ছরস রুচির বিংজন বহু জাতী৷ এক এক রস অগনিত ভাী৷৷
জেব দেহিং মধুর ধুনি গারী৷ লৈ লৈ নাম পুরুষ অরু নারী৷৷
সময সুহাবনি গারি বিরাজা৷ হত রাউ সুনি সহিত সমাজা৷৷
এহি বিধি সবহীং ভৌজনু কীন্হা৷ আদর সহিত আচমনু দীন্হা৷৷

1.1.329

चौपाई
पंच कवल करि जेवन लअगे। गारि गान सुनि अति अनुरागे।।
भाँति अनेक परे पकवाने। सुधा सरिस नहिं जाहिं बखाने।।
परुसन लगे सुआर सुजाना। बिंजन बिबिध नाम को जाना।।
चारि भाँति भोजन बिधि गाई। एक एक बिधि बरनि न जाई।।
छरस रुचिर बिंजन बहु जाती। एक एक रस अगनित भाँती।।
जेवँत देहिं मधुर धुनि गारी। लै लै नाम पुरुष अरु नारी।।
समय सुहावनि गारि बिराजा। हँसत राउ सुनि सहित समाजा।।
एहि बिधि सबहीं भौजनु कीन्हा। आदर सहित आचमनु दीन्हा।।

दोहा/सोरठा

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