335

10.1.335

चौपाई
చారిఅ భాఇ సుభాయసుహాఏ. నగర నారి నర దేఖన ధాఏ..
కోఉ కహ చలన చహత హహిం ఆజూ. కీన్హ బిదేహ బిదా కర సాజూ..
లేహు నయన భరి రూప నిహారీ. ప్రియ పాహునే భూప సుత చారీ..
కో జానై కేహి సుకృత సయానీ. నయన అతిథి కీన్హే బిధి ఆనీ..
మరనసీలు జిమి పావ పిఊషా. సురతరు లహై జనమ కర భూఖా..
పావ నారకీ హరిపదు జైసేం. ఇన్హ కర దరసను హమ కహతైసే..
నిరఖి రామ సోభా ఉర ధరహూ. నిజ మన ఫని మూరతి మని కరహూ..
ఏహి బిధి సబహి నయన ఫలు దేతా. గఏ కుఅ సబ రాజ నికేతా..

9.1.335

चौपाई
சாரிஅ பாஇ ஸுபாயஸுஹாஏ. நகர நாரி நர தேகந தாஏ..
கோஉ கஹ சலந சஹத ஹஹிஂ ஆஜூ. கீந்ஹ பிதேஹ பிதா கர ஸாஜூ..
லேஹு நயந பரி ரூப நிஹாரீ. ப்ரிய பாஹுநே பூப ஸுத சாரீ..
கோ ஜாநை கேஹி ஸுகரித ஸயாநீ. நயந அதிதி கீந்ஹே பிதி ஆநீ..
மரநஸீலு ஜிமி பாவ பிஊஷா. ஸுரதரு லஹை ஜநம கர பூகா..
பாவ நாரகீ ஹரிபது ஜைஸேஂ. இந்ஹ கர தரஸநு ஹம கஹதைஸே..
நிரகி ராம ஸோபா உர தரஹூ. நிஜ மந பநி மூரதி மநி கரஹூ..
ஏஹி பிதி ஸபஹி நயந பலு தேதா. கஏ குஅ ஸப ராஜ நிகேதா..

8.1.335

चौपाई
cāria bhāi subhāyaom suhāē. nagara nāri nara dēkhana dhāē..
kōu kaha calana cahata hahiṃ ājū. kīnha bidēha bidā kara sājū..
lēhu nayana bhari rūpa nihārī. priya pāhunē bhūpa suta cārī..
kō jānai kēhi sukṛta sayānī. nayana atithi kīnhē bidhi ānī..
maranasīlu jimi pāva piūṣā. surataru lahai janama kara bhūkhā..
pāva nārakī haripadu jaisēṃ. inha kara darasanu hama kahaom taisē..
nirakhi rāma sōbhā ura dharahū. nija mana phani mūrati mani karahū..

7.1.335

चौपाई
ਚਾਰਿਅ ਭਾਇ ਸੁਭਾਯਸੁਹਾਏ। ਨਗਰ ਨਾਰਿ ਨਰ ਦੇਖਨ ਧਾਏ।।
ਕੋਉ ਕਹ ਚਲਨ ਚਹਤ ਹਹਿਂ ਆਜੂ। ਕੀਨ੍ਹ ਬਿਦੇਹ ਬਿਦਾ ਕਰ ਸਾਜੂ।।
ਲੇਹੁ ਨਯਨ ਭਰਿ ਰੂਪ ਨਿਹਾਰੀ। ਪ੍ਰਿਯ ਪਾਹੁਨੇ ਭੂਪ ਸੁਤ ਚਾਰੀ।।
ਕੋ ਜਾਨੈ ਕੇਹਿ ਸੁਕਰਿਤ ਸਯਾਨੀ। ਨਯਨ ਅਤਿਥਿ ਕੀਨ੍ਹੇ ਬਿਧਿ ਆਨੀ।।
ਮਰਨਸੀਲੁ ਜਿਮਿ ਪਾਵ ਪਿਊਸ਼ਾ। ਸੁਰਤਰੁ ਲਹੈ ਜਨਮ ਕਰ ਭੂਖਾ।।
ਪਾਵ ਨਾਰਕੀ ਹਰਿਪਦੁ ਜੈਸੇਂ। ਇਨ੍ਹ ਕਰ ਦਰਸਨੁ ਹਮ ਕਹਤੈਸੇ।।
ਨਿਰਖਿ ਰਾਮ ਸੋਭਾ ਉਰ ਧਰਹੂ। ਨਿਜ ਮਨ ਫਨਿ ਮੂਰਤਿ ਮਨਿ ਕਰਹੂ।।
ਏਹਿ ਬਿਧਿ ਸਬਹਿ ਨਯਨ ਫਲੁ ਦੇਤਾ। ਗਏ ਕੁਅ ਸਬ ਰਾਜ ਨਿਕੇਤਾ।।

6.1.335

चौपाई
ଚାରିଅ ଭାଇ ସୁଭାଯସୁହାଏ| ନଗର ନାରି ନର ଦେଖନ ଧାଏ||
କୋଉ କହ ଚଲନ ଚହତ ହହିଂ ଆଜୂ| କୀନ୍ହ ବିଦେହ ବିଦା କର ସାଜୂ||
ଲେହୁ ନଯନ ଭରି ରୂପ ନିହାରୀ| ପ୍ରିଯ ପାହୁନେ ଭୂପ ସୁତ ଚାରୀ||
କୋ ଜାନୈ କେହି ସୁକୃତ ସଯାନୀ| ନଯନ ଅତିଥି କୀନ୍ହେ ବିଧି ଆନୀ||
ମରନସୀଲୁ ଜିମି ପାବ ପିଊଷା| ସୁରତରୁ ଲହୈ ଜନମ କର ଭୂଖା||
ପାବ ନାରକୀ ହରିପଦୁ ଜୈସେଂ| ଇନ୍ହ କର ଦରସନୁ ହମ କହତୈସେ||
ନିରଖି ରାମ ସୋଭା ଉର ଧରହୂ| ନିଜ ମନ ଫନି ମୂରତି ମନି କରହୂ||
ଏହି ବିଧି ସବହି ନଯନ ଫଲୁ ଦେତା| ଗଏ କୁଅ ସବ ରାଜ ନିକେତା||

5.1.335

चौपाई
ചാരിഅ ഭാഇ സുഭായസുഹാഏ. നഗര നാരി നര ദേഖന ധാഏ..
കോഉ കഹ ചലന ചഹത ഹഹിം ആജൂ. കീന്ഹ ബിദേഹ ബിദാ കര സാജൂ..
ലേഹു നയന ഭരി രൂപ നിഹാരീ. പ്രിയ പാഹുനേ ഭൂപ സുത ചാരീ..
കോ ജാനൈ കേഹി സുകൃത സയാനീ. നയന അതിഥി കീന്ഹേ ബിധി ആനീ..
മരനസീലു ജിമി പാവ പിഊഷാ. സുരതരു ലഹൈ ജനമ കര ഭൂഖാ..
പാവ നാരകീ ഹരിപദു ജൈസേം. ഇന്ഹ കര ദരസനു ഹമ കഹതൈസേ..
നിരഖി രാമ സോഭാ ഉര ധരഹൂ. നിജ മന ഫനി മൂരതി മനി കരഹൂ..
ഏഹി ബിധി സബഹി നയന ഫലു ദേതാ. ഗഏ കുഅ സബ രാജ നികേതാ..

4.1.335

चौपाई
ಚಾರಿಅ ಭಾಇ ಸುಭಾಯಸುಹಾಏ. ನಗರ ನಾರಿ ನರ ದೇಖನ ಧಾಏ..
ಕೋಉ ಕಹ ಚಲನ ಚಹತ ಹಹಿಂ ಆಜೂ. ಕೀನ್ಹ ಬಿದೇಹ ಬಿದಾ ಕರ ಸಾಜೂ..
ಲೇಹು ನಯನ ಭರಿ ರೂಪ ನಿಹಾರೀ. ಪ್ರಿಯ ಪಾಹುನೇ ಭೂಪ ಸುತ ಚಾರೀ..
ಕೋ ಜಾನೈ ಕೇಹಿ ಸುಕೃತ ಸಯಾನೀ. ನಯನ ಅತಿಥಿ ಕೀನ್ಹೇ ಬಿಧಿ ಆನೀ..
ಮರನಸೀಲು ಜಿಮಿ ಪಾವ ಪಿಊಷಾ. ಸುರತರು ಲಹೈ ಜನಮ ಕರ ಭೂಖಾ..
ಪಾವ ನಾರಕೀ ಹರಿಪದು ಜೈಸೇಂ. ಇನ್ಹ ಕರ ದರಸನು ಹಮ ಕಹತೈಸೇ..
ನಿರಖಿ ರಾಮ ಸೋಭಾ ಉರ ಧರಹೂ. ನಿಜ ಮನ ಫನಿ ಮೂರತಿ ಮನಿ ಕರಹೂ..
ಏಹಿ ಬಿಧಿ ಸಬಹಿ ನಯನ ಫಲು ದೇತಾ. ಗಏ ಕುಅ ಸಬ ರಾಜ ನಿಕೇತಾ..

3.1.335

चौपाई
ચારિઅ ભાઇ સુભાયસુહાએ। નગર નારિ નર દેખન ધાએ।।
કોઉ કહ ચલન ચહત હહિં આજૂ। કીન્હ બિદેહ બિદા કર સાજૂ।।
લેહુ નયન ભરિ રૂપ નિહારી। પ્રિય પાહુને ભૂપ સુત ચારી।।
કો જાનૈ કેહિ સુકૃત સયાની। નયન અતિથિ કીન્હે બિધિ આની।।
મરનસીલુ જિમિ પાવ પિઊષા। સુરતરુ લહૈ જનમ કર ભૂખા।।
પાવ નારકી હરિપદુ જૈસેં। ઇન્હ કર દરસનુ હમ કહતૈસે।।
નિરખિ રામ સોભા ઉર ધરહૂ। નિજ મન ફનિ મૂરતિ મનિ કરહૂ।।
એહિ બિધિ સબહિ નયન ફલુ દેતા। ગએ કુઅ સબ રાજ નિકેતા।।

2.1.335

चौपाई
চারিঅ ভাই সুভাযসুহাএ৷ নগর নারি নর দেখন ধাএ৷৷
কোউ কহ চলন চহত হহিং আজূ৷ কীন্হ বিদেহ বিদা কর সাজূ৷৷
লেহু নযন ভরি রূপ নিহারী৷ প্রিয পাহুনে ভূপ সুত চারী৷৷
কো জানৈ কেহি সুকৃত সযানী৷ নযন অতিথি কীন্হে বিধি আনী৷৷
মরনসীলু জিমি পাব পিঊষা৷ সুরতরু লহৈ জনম কর ভূখা৷৷
পাব নারকী হরিপদু জৈসেং৷ ইন্হ কর দরসনু হম কহতৈসে৷৷
নিরখি রাম সোভা উর ধরহূ৷ নিজ মন ফনি মূরতি মনি করহূ৷৷
এহি বিধি সবহি নযন ফলু দেতা৷ গএ কুঅ সব রাজ নিকেতা৷৷

1.1.335

चौपाई
चारिअ भाइ सुभायँ सुहाए। नगर नारि नर देखन धाए।।
कोउ कह चलन चहत हहिं आजू। कीन्ह बिदेह बिदा कर साजू।।
लेहु नयन भरि रूप निहारी। प्रिय पाहुने भूप सुत चारी।।
को जानै केहि सुकृत सयानी। नयन अतिथि कीन्हे बिधि आनी।।
मरनसीलु जिमि पाव पिऊषा। सुरतरु लहै जनम कर भूखा।।
पाव नारकी हरिपदु जैसें। इन्ह कर दरसनु हम कहँ तैसे।।
निरखि राम सोभा उर धरहू। निज मन फनि मूरति मनि करहू।।
एहि बिधि सबहि नयन फलु देता। गए कुअँर सब राज निकेता।।

दोहा/सोरठा

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