342

10.1.342

चौपाई
సబహి భాి మోహి దీన్హి బడఈ. నిజ జన జాని లీన్హ అపనాఈ..
హోహిం సహస దస సారద సేషా. కరహిం కలప కోటిక భరి లేఖా..
మోర భాగ్య రాఉర గున గాథా. కహి న సిరాహిం సునహు రఘునాథా..
మై కఛు కహఉఏక బల మోరేం. తుమ్హ రీఝహు సనేహ సుఠి థోరేం..
బార బార మాగఉకర జోరేం. మను పరిహరై చరన జని భోరేం..
సుని బర బచన ప్రేమ జను పోషే. పూరనకామ రాము పరితోషే..
కరి బర బినయ ససుర సనమానే. పితు కౌసిక బసిష్ఠ సమ జానే..
బినతీ బహురి భరత సన కీన్హీ. మిలి సప్రేము పుని ఆసిష దీన్హీ..

9.1.342

चौपाई
ஸபஹி பாி மோஹி தீந்ஹி பட஀ாஈ. நிஜ ஜந ஜாநி லீந்ஹ அபநாஈ..
ஹோஹிஂ ஸஹஸ தஸ ஸாரத ஸேஷா. கரஹிஂ கலப கோடிக பரி லேகா..
மோர பாக்ய ராஉர குந காதா. கஹி ந ஸிராஹிஂ ஸுநஹு ரகுநாதா..
மை கசு கஹஉஏக பல மோரேஂ. தும்ஹ ரீ஀ஹு ஸநேஹ ஸுடி தோரேஂ..
பார பார மாகஉகர ஜோரேஂ. மநு பரிஹரை சரந ஜநி போரேஂ..
ஸுநி பர பசந ப்ரேம ஜநு போஷே. பூரநகாம ராமு பரிதோஷே..
கரி பர பிநய ஸஸுர ஸநமாநே. பிது கௌஸிக பஸிஷ்ட ஸம ஜாநே..
பிநதீ பஹுரி பரத ஸந கீந்ஹீ. மிலி ஸப்ரேமு புநி ஆஸிஷ தீந்ஹீ..

8.1.342

चौपाई
sabahi bhāomti mōhi dīnhi baḍaāī. nija jana jāni līnha apanāī..
hōhiṃ sahasa dasa sārada sēṣā. karahiṃ kalapa kōṭika bhari lēkhā..
mōra bhāgya rāura guna gāthā. kahi na sirāhiṃ sunahu raghunāthā..
mai kachu kahauom ēka bala mōrēṃ. tumha rījhahu sanēha suṭhi thōrēṃ..
bāra bāra māgauom kara jōrēṃ. manu pariharai carana jani bhōrēṃ..
suni bara bacana prēma janu pōṣē. pūranakāma rāmu paritōṣē..
kari bara binaya sasura sanamānē. pitu kausika basiṣṭha sama jānē..

7.1.342

चौपाई
ਸਬਹਿ ਭਾਿ ਮੋਹਿ ਦੀਨ੍ਹਿ ਬਡ਼ਾਈ। ਨਿਜ ਜਨ ਜਾਨਿ ਲੀਨ੍ਹ ਅਪਨਾਈ।।
ਹੋਹਿਂ ਸਹਸ ਦਸ ਸਾਰਦ ਸੇਸ਼ਾ। ਕਰਹਿਂ ਕਲਪ ਕੋਟਿਕ ਭਰਿ ਲੇਖਾ।।
ਮੋਰ ਭਾਗ੍ਯ ਰਾਉਰ ਗੁਨ ਗਾਥਾ। ਕਹਿ ਨ ਸਿਰਾਹਿਂ ਸੁਨਹੁ ਰਘੁਨਾਥਾ।।
ਮੈ ਕਛੁ ਕਹਉਏਕ ਬਲ ਮੋਰੇਂ। ਤੁਮ੍ਹ ਰੀਝਹੁ ਸਨੇਹ ਸੁਠਿ ਥੋਰੇਂ।।
ਬਾਰ ਬਾਰ ਮਾਗਉਕਰ ਜੋਰੇਂ। ਮਨੁ ਪਰਿਹਰੈ ਚਰਨ ਜਨਿ ਭੋਰੇਂ।।
ਸੁਨਿ ਬਰ ਬਚਨ ਪ੍ਰੇਮ ਜਨੁ ਪੋਸ਼ੇ। ਪੂਰਨਕਾਮ ਰਾਮੁ ਪਰਿਤੋਸ਼ੇ।।
ਕਰਿ ਬਰ ਬਿਨਯ ਸਸੁਰ ਸਨਮਾਨੇ। ਪਿਤੁ ਕੌਸਿਕ ਬਸਿਸ਼੍ਠ ਸਮ ਜਾਨੇ।।
ਬਿਨਤੀ ਬਹੁਰਿ ਭਰਤ ਸਨ ਕੀਨ੍ਹੀ। ਮਿਲਿ ਸਪ੍ਰੇਮੁ ਪੁਨਿ ਆਸਿਸ਼ ਦੀਨ੍ਹੀ।।

6.1.342

चौपाई
ସବହି ଭାି ମୋହି ଦୀନ୍ହି ବଡ଼ାଈ| ନିଜ ଜନ ଜାନି ଲୀନ୍ହ ଅପନାଈ||
ହୋହିଂ ସହସ ଦସ ସାରଦ ସେଷା| କରହିଂ କଲପ କୋଟିକ ଭରି ଲେଖା||
ମୋର ଭାଗ୍ଯ ରାଉର ଗୁନ ଗାଥା| କହି ନ ସିରାହିଂ ସୁନହୁ ରଘୁନାଥା||
ମୈ କଛୁ କହଉଏକ ବଲ ମୋରେଂ| ତୁମ୍ହ ରୀଝହୁ ସନେହ ସୁଠି ଥୋରେଂ||
ବାର ବାର ମାଗଉକର ଜୋରେଂ| ମନୁ ପରିହରୈ ଚରନ ଜନି ଭୋରେଂ||
ସୁନି ବର ବଚନ ପ୍ରେମ ଜନୁ ପୋଷେ| ପୂରନକାମ ରାମୁ ପରିତୋଷେ||
କରି ବର ବିନଯ ସସୁର ସନମାନେ| ପିତୁ କୌସିକ ବସିଷ୍ଠ ସମ ଜାନେ||
ବିନତୀ ବହୁରି ଭରତ ସନ କୀନ୍ହୀ| ମିଲି ସପ୍ରେମୁ ପୁନି ଆସିଷ ଦୀନ୍ହୀ||

5.1.342

चौपाई
സബഹി ഭാി മോഹി ദീന്ഹി ബഡഈ. നിജ ജന ജാനി ലീന്ഹ അപനാഈ..
ഹോഹിം സഹസ ദസ സാരദ സേഷാ. കരഹിം കലപ കോടിക ഭരി ലേഖാ..
മോര ഭാഗ്യ രാഉര ഗുന ഗാഥാ. കഹി ന സിരാഹിം സുനഹു രഘുനാഥാ..
മൈ കഛു കഹഉഏക ബല മോരേം. തുമ്ഹ രീഝഹു സനേഹ സുഠി ഥോരേം..
ബാര ബാര മാഗഉകര ജോരേം. മനു പരിഹരൈ ചരന ജനി ഭോരേം..
സുനി ബര ബചന പ്രേമ ജനു പോഷേ. പൂരനകാമ രാമു പരിതോഷേ..
കരി ബര ബിനയ സസുര സനമാനേ. പിതു കൌസിക ബസിഷ്ഠ സമ ജാനേ..
ബിനതീ ബഹുരി ഭരത സന കീന്ഹീ. മിലി സപ്രേമു പുനി ആസിഷ ദീന്ഹീ..

4.1.342

चौपाई
ಸಬಹಿ ಭಾಿ ಮೋಹಿ ದೀನ್ಹಿ ಬಡಈ. ನಿಜ ಜನ ಜಾನಿ ಲೀನ್ಹ ಅಪನಾಈ..
ಹೋಹಿಂ ಸಹಸ ದಸ ಸಾರದ ಸೇಷಾ. ಕರಹಿಂ ಕಲಪ ಕೋಟಿಕ ಭರಿ ಲೇಖಾ..
ಮೋರ ಭಾಗ್ಯ ರಾಉರ ಗುನ ಗಾಥಾ. ಕಹಿ ನ ಸಿರಾಹಿಂ ಸುನಹು ರಘುನಾಥಾ..
ಮೈ ಕಛು ಕಹಉಏಕ ಬಲ ಮೋರೇಂ. ತುಮ್ಹ ರೀಝಹು ಸನೇಹ ಸುಠಿ ಥೋರೇಂ..
ಬಾರ ಬಾರ ಮಾಗಉಕರ ಜೋರೇಂ. ಮನು ಪರಿಹರೈ ಚರನ ಜನಿ ಭೋರೇಂ..
ಸುನಿ ಬರ ಬಚನ ಪ್ರೇಮ ಜನು ಪೋಷೇ. ಪೂರನಕಾಮ ರಾಮು ಪರಿತೋಷೇ..
ಕರಿ ಬರ ಬಿನಯ ಸಸುರ ಸನಮಾನೇ. ಪಿತು ಕೌಸಿಕ ಬಸಿಷ್ಠ ಸಮ ಜಾನೇ..
ಬಿನತೀ ಬಹುರಿ ಭರತ ಸನ ಕೀನ್ಹೀ. ಮಿಲಿ ಸಪ್ರೇಮು ಪುನಿ ಆಸಿಷ ದೀನ್ಹೀ..

3.1.342

चौपाई
સબહિ ભાિ મોહિ દીન્હિ બડ઼ાઈ। નિજ જન જાનિ લીન્હ અપનાઈ।।
હોહિં સહસ દસ સારદ સેષા। કરહિં કલપ કોટિક ભરિ લેખા।।
મોર ભાગ્ય રાઉર ગુન ગાથા। કહિ ન સિરાહિં સુનહુ રઘુનાથા।।
મૈ કછુ કહઉએક બલ મોરેં। તુમ્હ રીઝહુ સનેહ સુઠિ થોરેં।।
બાર બાર માગઉકર જોરેં। મનુ પરિહરૈ ચરન જનિ ભોરેં।।
સુનિ બર બચન પ્રેમ જનુ પોષે। પૂરનકામ રામુ પરિતોષે।।
કરિ બર બિનય સસુર સનમાને। પિતુ કૌસિક બસિષ્ઠ સમ જાને।।
બિનતી બહુરિ ભરત સન કીન્હી। મિલિ સપ્રેમુ પુનિ આસિષ દીન્હી।।

2.1.342

चौपाई
সবহি ভাি মোহি দীন্হি বড়াঈ৷ নিজ জন জানি লীন্হ অপনাঈ৷৷
হোহিং সহস দস সারদ সেষা৷ করহিং কলপ কোটিক ভরি লেখা৷৷
মোর ভাগ্য রাউর গুন গাথা৷ কহি ন সিরাহিং সুনহু রঘুনাথা৷৷
মৈ কছু কহউএক বল মোরেং৷ তুম্হ রীঝহু সনেহ সুঠি থোরেং৷৷
বার বার মাগউকর জোরেং৷ মনু পরিহরৈ চরন জনি ভোরেং৷৷
সুনি বর বচন প্রেম জনু পোষে৷ পূরনকাম রামু পরিতোষে৷৷
করি বর বিনয সসুর সনমানে৷ পিতু কৌসিক বসিষ্ঠ সম জানে৷৷
বিনতী বহুরি ভরত সন কীন্হী৷ মিলি সপ্রেমু পুনি আসিষ দীন্হী৷৷

1.1.342

चौपाई
सबहि भाँति मोहि दीन्हि बड़ाई। निज जन जानि लीन्ह अपनाई।।
होहिं सहस दस सारद सेषा। करहिं कलप कोटिक भरि लेखा।।
मोर भाग्य राउर गुन गाथा। कहि न सिराहिं सुनहु रघुनाथा।।
मै कछु कहउँ एक बल मोरें। तुम्ह रीझहु सनेह सुठि थोरें।।
बार बार मागउँ कर जोरें। मनु परिहरै चरन जनि भोरें।।
सुनि बर बचन प्रेम जनु पोषे। पूरनकाम रामु परितोषे।।
करि बर बिनय ससुर सनमाने। पितु कौसिक बसिष्ठ सम जाने।।
बिनती बहुरि भरत सन कीन्ही। मिलि सप्रेमु पुनि आसिष दीन्ही।।

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