354

10.1.354

चौपाई
సబ బిధి సబహి సమది నరనాహూ. రహా హృదయభరి పూరి ఉఛాహూ..
జహరనివాసు తహాపగు ధారే. సహిత బహూటిన్హ కుఅ నిహారే..
లిఏ గోద కరి మోద సమేతా. కో కహి సకఇ భయఉ సుఖు జేతా..
బధూ సప్రేమ గోద బైఠారీం. బార బార హియహరషి దులారీం..
దేఖి సమాజు ముదిత రనివాసూ. సబ కేం ఉర అనంద కియో బాసూ..
కహేఉ భూప జిమి భయఉ బిబాహూ. సుని హరషు హోత సబ కాహూ..
జనక రాజ గున సీలు బడఈ. ప్రీతి రీతి సంపదా సుహాఈ..
బహుబిధి భూప భాట జిమి బరనీ. రానీం సబ ప్రముదిత సుని కరనీ..

9.1.354

चौपाई
ஸப பிதி ஸபஹி ஸமதி நரநாஹூ. ரஹா ஹரிதயபரி பூரி உசாஹூ..
ஜஹரநிவாஸு தஹாபகு தாரே. ஸஹித பஹூடிந்ஹ குஅ நிஹாரே..
லிஏ கோத கரி மோத ஸமேதா. கோ கஹி ஸகஇ பயஉ ஸுகு ஜேதா..
பதூ ஸப்ரேம கோத பைடாரீஂ. பார பார ஹியஹரஷி துலாரீஂ..
தேகி ஸமாஜு முதித ரநிவாஸூ. ஸப கேஂ உர அநஂத கியோ பாஸூ..
கஹேஉ பூப ஜிமி பயஉ பிபாஹூ. ஸுநி ஹரஷு ஹோத ஸப காஹூ..
ஜநக ராஜ குந ஸீலு பட஀ாஈ. ப்ரீதி ரீதி ஸஂபதா ஸுஹாஈ..
பஹுபிதி பூப பாட ஜிமி பரநீ. ராநீஂ ஸப ப்ரமுதித ஸுநி கரநீ..

8.1.354

चौपाई
saba bidhi sabahi samadi naranāhū. rahā hṛdayaom bhari pūri uchāhū..
jahaom ranivāsu tahāom pagu dhārē. sahita bahūṭinha kuaomra nihārē..
liē gōda kari mōda samētā. kō kahi sakai bhayau sukhu jētā..
badhū saprēma gōda baiṭhārīṃ. bāra bāra hiyaom haraṣi dulārīṃ..
dēkhi samāju mudita ranivāsū. saba kēṃ ura anaṃda kiyō bāsū..
kahēu bhūpa jimi bhayau bibāhū. suni haraṣu hōta saba kāhū..
janaka rāja guna sīlu baḍaāī. prīti rīti saṃpadā suhāī..
bahubidhi bhūpa bhāṭa jimi baranī. rānīṃ saba pramudita suni karanī..

7.1.354

चौपाई
ਸਬ ਬਿਧਿ ਸਬਹਿ ਸਮਦਿ ਨਰਨਾਹੂ। ਰਹਾ ਹਰਿਦਯਭਰਿ ਪੂਰਿ ਉਛਾਹੂ।।
ਜਹਰਨਿਵਾਸੁ ਤਹਾਪਗੁ ਧਾਰੇ। ਸਹਿਤ ਬਹੂਟਿਨ੍ਹ ਕੁਅ ਨਿਹਾਰੇ।।
ਲਿਏ ਗੋਦ ਕਰਿ ਮੋਦ ਸਮੇਤਾ। ਕੋ ਕਹਿ ਸਕਇ ਭਯਉ ਸੁਖੁ ਜੇਤਾ।।
ਬਧੂ ਸਪ੍ਰੇਮ ਗੋਦ ਬੈਠਾਰੀਂ। ਬਾਰ ਬਾਰ ਹਿਯਹਰਸ਼ਿ ਦੁਲਾਰੀਂ।।
ਦੇਖਿ ਸਮਾਜੁ ਮੁਦਿਤ ਰਨਿਵਾਸੂ। ਸਬ ਕੇਂ ਉਰ ਅਨਂਦ ਕਿਯੋ ਬਾਸੂ।।
ਕਹੇਉ ਭੂਪ ਜਿਮਿ ਭਯਉ ਬਿਬਾਹੂ। ਸੁਨਿ ਹਰਸ਼ੁ ਹੋਤ ਸਬ ਕਾਹੂ।।
ਜਨਕ ਰਾਜ ਗੁਨ ਸੀਲੁ ਬਡ਼ਾਈ। ਪ੍ਰੀਤਿ ਰੀਤਿ ਸਂਪਦਾ ਸੁਹਾਈ।।
ਬਹੁਬਿਧਿ ਭੂਪ ਭਾਟ ਜਿਮਿ ਬਰਨੀ। ਰਾਨੀਂ ਸਬ ਪ੍ਰਮੁਦਿਤ ਸੁਨਿ ਕਰਨੀ।।

6.1.354

चौपाई
ସବ ବିଧି ସବହି ସମଦି ନରନାହୂ| ରହା ହୃଦଯଭରି ପୂରି ଉଛାହୂ||
ଜହରନିବାସୁ ତହାପଗୁ ଧାରେ| ସହିତ ବହୂଟିନ୍ହ କୁଅ ନିହାରେ||
ଲିଏ ଗୋଦ କରି ମୋଦ ସମେତା| କୋ କହି ସକଇ ଭଯଉ ସୁଖୁ ଜେତା||
ବଧୂ ସପ୍ରେମ ଗୋଦ ବୈଠାରୀଂ| ବାର ବାର ହିଯହରଷି ଦୁଲାରୀଂ||
ଦେଖି ସମାଜୁ ମୁଦିତ ରନିବାସୂ| ସବ କେଂ ଉର ଅନଂଦ କିଯୋ ବାସୂ||
କହେଉ ଭୂପ ଜିମି ଭଯଉ ବିବାହୂ| ସୁନି ହରଷୁ ହୋତ ସବ କାହୂ||
ଜନକ ରାଜ ଗୁନ ସୀଲୁ ବଡ଼ାଈ| ପ୍ରୀତି ରୀତି ସଂପଦା ସୁହାଈ||
ବହୁବିଧି ଭୂପ ଭାଟ ଜିମି ବରନୀ| ରାନୀଂ ସବ ପ୍ରମୁଦିତ ସୁନି କରନୀ||

5.1.354

चौपाई
സബ ബിധി സബഹി സമദി നരനാഹൂ. രഹാ ഹൃദയഭരി പൂരി ഉഛാഹൂ..
ജഹരനിവാസു തഹാപഗു ധാരേ. സഹിത ബഹൂടിന്ഹ കുഅ നിഹാരേ..
ലിഏ ഗോദ കരി മോദ സമേതാ. കോ കഹി സകഇ ഭയഉ സുഖു ജേതാ..
ബധൂ സപ്രേമ ഗോദ ബൈഠാരീം. ബാര ബാര ഹിയഹരഷി ദുലാരീം..
ദേഖി സമാജു മുദിത രനിവാസൂ. സബ കേം ഉര അനംദ കിയോ ബാസൂ..
കഹേഉ ഭൂപ ജിമി ഭയഉ ബിബാഹൂ. സുനി ഹരഷു ഹോത സബ കാഹൂ..
ജനക രാജ ഗുന സീലു ബഡഈ. പ്രീതി രീതി സംപദാ സുഹാഈ..
ബഹുബിധി ഭൂപ ഭാട ജിമി ബരനീ. രാനീം സബ പ്രമുദിത സുനി കരനീ..

4.1.354

चौपाई
ಸಬ ಬಿಧಿ ಸಬಹಿ ಸಮದಿ ನರನಾಹೂ. ರಹಾ ಹೃದಯಭರಿ ಪೂರಿ ಉಛಾಹೂ..
ಜಹರನಿವಾಸು ತಹಾಪಗು ಧಾರೇ. ಸಹಿತ ಬಹೂಟಿನ್ಹ ಕುಅ ನಿಹಾರೇ..
ಲಿಏ ಗೋದ ಕರಿ ಮೋದ ಸಮೇತಾ. ಕೋ ಕಹಿ ಸಕಇ ಭಯಉ ಸುಖು ಜೇತಾ..
ಬಧೂ ಸಪ್ರೇಮ ಗೋದ ಬೈಠಾರೀಂ. ಬಾರ ಬಾರ ಹಿಯಹರಷಿ ದುಲಾರೀಂ..
ದೇಖಿ ಸಮಾಜು ಮುದಿತ ರನಿವಾಸೂ. ಸಬ ಕೇಂ ಉರ ಅನಂದ ಕಿಯೋ ಬಾಸೂ..
ಕಹೇಉ ಭೂಪ ಜಿಮಿ ಭಯಉ ಬಿಬಾಹೂ. ಸುನಿ ಹರಷು ಹೋತ ಸಬ ಕಾಹೂ..
ಜನಕ ರಾಜ ಗುನ ಸೀಲು ಬಡಈ. ಪ್ರೀತಿ ರೀತಿ ಸಂಪದಾ ಸುಹಾಈ..
ಬಹುಬಿಧಿ ಭೂಪ ಭಾಟ ಜಿಮಿ ಬರನೀ. ರಾನೀಂ ಸಬ ಪ್ರಮುದಿತ ಸುನಿ ಕರನೀ..

3.1.354

चौपाई
સબ બિધિ સબહિ સમદિ નરનાહૂ। રહા હૃદયભરિ પૂરિ ઉછાહૂ।।
જહરનિવાસુ તહાપગુ ધારે। સહિત બહૂટિન્હ કુઅ નિહારે।।
લિએ ગોદ કરિ મોદ સમેતા। કો કહિ સકઇ ભયઉ સુખુ જેતા।।
બધૂ સપ્રેમ ગોદ બૈઠારીં। બાર બાર હિયહરષિ દુલારીં।।
દેખિ સમાજુ મુદિત રનિવાસૂ। સબ કેં ઉર અનંદ કિયો બાસૂ।।
કહેઉ ભૂપ જિમિ ભયઉ બિબાહૂ। સુનિ હરષુ હોત સબ કાહૂ।।
જનક રાજ ગુન સીલુ બડ઼ાઈ। પ્રીતિ રીતિ સંપદા સુહાઈ।।
બહુબિધિ ભૂપ ભાટ જિમિ બરની। રાનીં સબ પ્રમુદિત સુનિ કરની।।

2.1.354

चौपाई
সব বিধি সবহি সমদি নরনাহূ৷ রহা হৃদযভরি পূরি উছাহূ৷৷
জহরনিবাসু তহাপগু ধারে৷ সহিত বহূটিন্হ কুঅ নিহারে৷৷
লিএ গোদ করি মোদ সমেতা৷ কো কহি সকই ভযউ সুখু জেতা৷৷
বধূ সপ্রেম গোদ বৈঠারীং৷ বার বার হিযহরষি দুলারীং৷৷
দেখি সমাজু মুদিত রনিবাসূ৷ সব কেং উর অনংদ কিযো বাসূ৷৷
কহেউ ভূপ জিমি ভযউ বিবাহূ৷ সুনি হরষু হোত সব কাহূ৷৷
জনক রাজ গুন সীলু বড়াঈ৷ প্রীতি রীতি সংপদা সুহাঈ৷৷
বহুবিধি ভূপ ভাট জিমি বরনী৷ রানীং সব প্রমুদিত সুনি করনী৷৷

1.1.354

चौपाई
सब बिधि सबहि समदि नरनाहू। रहा हृदयँ भरि पूरि उछाहू।।
जहँ रनिवासु तहाँ पगु धारे। सहित बहूटिन्ह कुअँर निहारे।।
लिए गोद करि मोद समेता। को कहि सकइ भयउ सुखु जेता।।
बधू सप्रेम गोद बैठारीं। बार बार हियँ हरषि दुलारीं।।
देखि समाजु मुदित रनिवासू। सब कें उर अनंद कियो बासू।।
कहेउ भूप जिमि भयउ बिबाहू। सुनि हरषु होत सब काहू।।
जनक राज गुन सीलु बड़ाई। प्रीति रीति संपदा सुहाई।।
बहुबिधि भूप भाट जिमि बरनी। रानीं सब प्रमुदित सुनि करनी।।

दोहा/सोरठा

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