343

10.1.343

चौपाई
బార బార కరి బినయ బడఈ. రఘుపతి చలే సంగ సబ భాఈ..
జనక గహే కౌసిక పద జాఈ. చరన రేను సిర నయనన్హ లాఈ..
సును మునీస బర దరసన తోరేం. అగము న కఛు ప్రతీతి మన మోరేం..
జో సుఖు సుజసు లోకపతి చహహీం. కరత మనోరథ సకుచత అహహీం..
సో సుఖు సుజసు సులభ మోహి స్వామీ. సబ సిధి తవ దరసన అనుగామీ..
కీన్హి బినయ పుని పుని సిరు నాఈ. ఫిరే మహీసు ఆసిషా పాఈ..
చలీ బరాత నిసాన బజాఈ. ముదిత ఛోట బడసబ సముదాఈ..
రామహి నిరఖి గ్రామ నర నారీ. పాఇ నయన ఫలు హోహిం సుఖారీ..

9.1.343

चौपाई
பார பார கரி பிநய பட஀ாஈ. ரகுபதி சலே ஸஂக ஸப பாஈ..
ஜநக கஹே கௌஸிக பத ஜாஈ. சரந ரேநு ஸிர நயநந்ஹ லாஈ..
ஸுநு முநீஸ பர தரஸந தோரேஂ. அகமு ந கசு ப்ரதீதி மந மோரேஂ..
ஜோ ஸுகு ஸுஜஸு லோகபதி சஹஹீஂ. கரத மநோரத ஸகுசத அஹஹீஂ..
ஸோ ஸுகு ஸுஜஸு ஸுலப மோஹி ஸ்வாமீ. ஸப ஸிதி தவ தரஸந அநுகாமீ..
கீந்ஹி பிநய புநி புநி ஸிரு நாஈ. பிரே மஹீஸு ஆஸிஷா பாஈ..
சலீ பராத நிஸாந பஜாஈ. முதித சோட பட஀ ஸப ஸமுதாஈ..
ராமஹி நிரகி க்ராம நர நாரீ. பாஇ நயந பலு ஹோஹிஂ ஸுகாரீ..

8.1.343

चौपाई
bāra bāra kari binaya baḍaāī. raghupati calē saṃga saba bhāī..
janaka gahē kausika pada jāī. carana rēnu sira nayananha lāī..
sunu munīsa bara darasana tōrēṃ. agamu na kachu pratīti mana mōrēṃ..
jō sukhu sujasu lōkapati cahahīṃ. karata manōratha sakucata ahahīṃ..
sō sukhu sujasu sulabha mōhi svāmī. saba sidhi tava darasana anugāmī..
kīnhi binaya puni puni siru nāī. phirē mahīsu āsiṣā pāī..
calī barāta nisāna bajāī. mudita chōṭa baḍa saba samudāī..

7.1.343

चौपाई
ਬਾਰ ਬਾਰ ਕਰਿ ਬਿਨਯ ਬਡ਼ਾਈ। ਰਘੁਪਤਿ ਚਲੇ ਸਂਗ ਸਬ ਭਾਈ।।
ਜਨਕ ਗਹੇ ਕੌਸਿਕ ਪਦ ਜਾਈ। ਚਰਨ ਰੇਨੁ ਸਿਰ ਨਯਨਨ੍ਹ ਲਾਈ।।
ਸੁਨੁ ਮੁਨੀਸ ਬਰ ਦਰਸਨ ਤੋਰੇਂ। ਅਗਮੁ ਨ ਕਛੁ ਪ੍ਰਤੀਤਿ ਮਨ ਮੋਰੇਂ।।
ਜੋ ਸੁਖੁ ਸੁਜਸੁ ਲੋਕਪਤਿ ਚਹਹੀਂ। ਕਰਤ ਮਨੋਰਥ ਸਕੁਚਤ ਅਹਹੀਂ।।
ਸੋ ਸੁਖੁ ਸੁਜਸੁ ਸੁਲਭ ਮੋਹਿ ਸ੍ਵਾਮੀ। ਸਬ ਸਿਧਿ ਤਵ ਦਰਸਨ ਅਨੁਗਾਮੀ।।
ਕੀਨ੍ਹਿ ਬਿਨਯ ਪੁਨਿ ਪੁਨਿ ਸਿਰੁ ਨਾਈ। ਫਿਰੇ ਮਹੀਸੁ ਆਸਿਸ਼ਾ ਪਾਈ।।
ਚਲੀ ਬਰਾਤ ਨਿਸਾਨ ਬਜਾਈ। ਮੁਦਿਤ ਛੋਟ ਬਡ਼ ਸਬ ਸਮੁਦਾਈ।।
ਰਾਮਹਿ ਨਿਰਖਿ ਗ੍ਰਾਮ ਨਰ ਨਾਰੀ। ਪਾਇ ਨਯਨ ਫਲੁ ਹੋਹਿਂ ਸੁਖਾਰੀ।।

6.1.343

चौपाई
ବାର ବାର କରି ବିନଯ ବଡ଼ାଈ| ରଘୁପତି ଚଲେ ସଂଗ ସବ ଭାଈ||
ଜନକ ଗହେ କୌସିକ ପଦ ଜାଈ| ଚରନ ରେନୁ ସିର ନଯନନ୍ହ ଲାଈ||
ସୁନୁ ମୁନୀସ ବର ଦରସନ ତୋରେଂ| ଅଗମୁ ନ କଛୁ ପ୍ରତୀତି ମନ ମୋରେଂ||
ଜୋ ସୁଖୁ ସୁଜସୁ ଲୋକପତି ଚହହୀଂ| କରତ ମନୋରଥ ସକୁଚତ ଅହହୀଂ||
ସୋ ସୁଖୁ ସୁଜସୁ ସୁଲଭ ମୋହି ସ୍ବାମୀ| ସବ ସିଧି ତବ ଦରସନ ଅନୁଗାମୀ||
କୀନ୍ହି ବିନଯ ପୁନି ପୁନି ସିରୁ ନାଈ| ଫିରେ ମହୀସୁ ଆସିଷା ପାଈ||
ଚଲୀ ବରାତ ନିସାନ ବଜାଈ| ମୁଦିତ ଛୋଟ ବଡ଼ ସବ ସମୁଦାଈ||
ରାମହି ନିରଖି ଗ୍ରାମ ନର ନାରୀ| ପାଇ ନଯନ ଫଲୁ ହୋହିଂ ସୁଖାରୀ||

5.1.343

चौपाई
ബാര ബാര കരി ബിനയ ബഡഈ. രഘുപതി ചലേ സംഗ സബ ഭാഈ..
ജനക ഗഹേ കൌസിക പദ ജാഈ. ചരന രേനു സിര നയനന്ഹ ലാഈ..
സുനു മുനീസ ബര ദരസന തോരേം. അഗമു ന കഛു പ്രതീതി മന മോരേം..
ജോ സുഖു സുജസു ലോകപതി ചഹഹീം. കരത മനോരഥ സകുചത അഹഹീം..
സോ സുഖു സുജസു സുലഭ മോഹി സ്വാമീ. സബ സിധി തവ ദരസന അനുഗാമീ..
കീന്ഹി ബിനയ പുനി പുനി സിരു നാഈ. ഫിരേ മഹീസു ആസിഷാ പാഈ..
ചലീ ബരാത നിസാന ബജാഈ. മുദിത ഛോട ബഡസബ സമുദാഈ..
രാമഹി നിരഖി ഗ്രാമ നര നാരീ. പാഇ നയന ഫലു ഹോഹിം സുഖാരീ..

4.1.343

चौपाई
ಬಾರ ಬಾರ ಕರಿ ಬಿನಯ ಬಡಈ. ರಘುಪತಿ ಚಲೇ ಸಂಗ ಸಬ ಭಾಈ..
ಜನಕ ಗಹೇ ಕೌಸಿಕ ಪದ ಜಾಈ. ಚರನ ರೇನು ಸಿರ ನಯನನ್ಹ ಲಾಈ..
ಸುನು ಮುನೀಸ ಬರ ದರಸನ ತೋರೇಂ. ಅಗಮು ನ ಕಛು ಪ್ರತೀತಿ ಮನ ಮೋರೇಂ..
ಜೋ ಸುಖು ಸುಜಸು ಲೋಕಪತಿ ಚಹಹೀಂ. ಕರತ ಮನೋರಥ ಸಕುಚತ ಅಹಹೀಂ..
ಸೋ ಸುಖು ಸುಜಸು ಸುಲಭ ಮೋಹಿ ಸ್ವಾಮೀ. ಸಬ ಸಿಧಿ ತವ ದರಸನ ಅನುಗಾಮೀ..
ಕೀನ್ಹಿ ಬಿನಯ ಪುನಿ ಪುನಿ ಸಿರು ನಾಈ. ಫಿರೇ ಮಹೀಸು ಆಸಿಷಾ ಪಾಈ..
ಚಲೀ ಬರಾತ ನಿಸಾನ ಬಜಾಈ. ಮುದಿತ ಛೋಟ ಬಡಸಬ ಸಮುದಾಈ..
ರಾಮಹಿ ನಿರಖಿ ಗ್ರಾಮ ನರ ನಾರೀ. ಪಾಇ ನಯನ ಫಲು ಹೋಹಿಂ ಸುಖಾರೀ..

3.1.343

चौपाई
બાર બાર કરિ બિનય બડ઼ાઈ। રઘુપતિ ચલે સંગ સબ ભાઈ।।
જનક ગહે કૌસિક પદ જાઈ। ચરન રેનુ સિર નયનન્હ લાઈ।।
સુનુ મુનીસ બર દરસન તોરેં। અગમુ ન કછુ પ્રતીતિ મન મોરેં।।
જો સુખુ સુજસુ લોકપતિ ચહહીં। કરત મનોરથ સકુચત અહહીં।।
સો સુખુ સુજસુ સુલભ મોહિ સ્વામી। સબ સિધિ તવ દરસન અનુગામી।।
કીન્હિ બિનય પુનિ પુનિ સિરુ નાઈ। ફિરે મહીસુ આસિષા પાઈ।।
ચલી બરાત નિસાન બજાઈ। મુદિત છોટ બડ઼ સબ સમુદાઈ।।
રામહિ નિરખિ ગ્રામ નર નારી। પાઇ નયન ફલુ હોહિં સુખારી।।

2.1.343

चौपाई
বার বার করি বিনয বড়াঈ৷ রঘুপতি চলে সংগ সব ভাঈ৷৷
জনক গহে কৌসিক পদ জাঈ৷ চরন রেনু সির নযনন্হ লাঈ৷৷
সুনু মুনীস বর দরসন তোরেং৷ অগমু ন কছু প্রতীতি মন মোরেং৷৷
জো সুখু সুজসু লোকপতি চহহীং৷ করত মনোরথ সকুচত অহহীং৷৷
সো সুখু সুজসু সুলভ মোহি স্বামী৷ সব সিধি তব দরসন অনুগামী৷৷
কীন্হি বিনয পুনি পুনি সিরু নাঈ৷ ফিরে মহীসু আসিষা পাঈ৷৷
চলী বরাত নিসান বজাঈ৷ মুদিত ছোট বড় সব সমুদাঈ৷৷
রামহি নিরখি গ্রাম নর নারী৷ পাই নযন ফলু হোহিং সুখারী৷৷

1.1.343

चौपाई
बार बार करि बिनय बड़ाई। रघुपति चले संग सब भाई।।
जनक गहे कौसिक पद जाई। चरन रेनु सिर नयनन्ह लाई।।
सुनु मुनीस बर दरसन तोरें। अगमु न कछु प्रतीति मन मोरें।।
जो सुखु सुजसु लोकपति चहहीं। करत मनोरथ सकुचत अहहीं।।
सो सुखु सुजसु सुलभ मोहि स्वामी। सब सिधि तव दरसन अनुगामी।।
कीन्हि बिनय पुनि पुनि सिरु नाई। फिरे महीसु आसिषा पाई।।
चली बरात निसान बजाई। मुदित छोट बड़ सब समुदाई।।
रामहि निरखि ग्राम नर नारी। पाइ नयन फलु होहिं सुखारी।।

दोहा/सोरठा

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