350

10.1.350

चौपाई
చారి సింఘాసన సహజ సుహాఏ. జను మనోజ నిజ హాథ బనాఏ..
తిన్హ పర కుఅి కుఅ బైఠారే. సాదర పాయ పునిత పఖారే..
ధూప దీప నైబేద బేద బిధి. పూజే బర దులహిని మంగలనిధి..
బారహిం బార ఆరతీ కరహీం. బ్యజన చారు చామర సిర ఢరహీం..
బస్తు అనేక నిఛావర హోహీం. భరీం ప్రమోద మాతు సబ సోహీం..
పావా పరమ తత్వ జను జోగీం. అమృత లహేఉ జను సంతత రోగీం..
జనమ రంక జను పారస పావా. అంధహి లోచన లాభు సుహావా..
మూక బదన జను సారద ఛాఈ. మానహుసమర సూర జయ పాఈ..

9.1.350

चौपाई
சாரி ஸிஂகாஸந ஸஹஜ ஸுஹாஏ. ஜநு மநோஜ நிஜ ஹாத பநாஏ..
திந்ஹ பர குஅி குஅ பைடாரே. ஸாதர பாய புநித பகாரே..
தூப தீப நைபேத பேத பிதி. பூஜே பர துலஹிநி மஂகலநிதி..
பாரஹிஂ பார ஆரதீ கரஹீஂ. ப்யஜந சாரு சாமர ஸிர டரஹீஂ..
பஸ்து அநேக நிசாவர ஹோஹீஂ. பரீஂ ப்ரமோத மாது ஸப ஸோஹீஂ..
பாவா பரம தத்வ ஜநு ஜோகீஂ. அமரித லஹேஉ ஜநு ஸஂதத ரோகீஂ..
ஜநம ரஂக ஜநு பாரஸ பாவா. அஂதஹி லோசந லாபு ஸுஹாவா..
மூக பதந ஜநு ஸாரத சாஈ. மாநஹுஸமர ஸூர ஜய பாஈ..

8.1.350

चौपाई
cāri siṃghāsana sahaja suhāē. janu manōja nija hātha banāē..
tinha para kuaomri kuaomra baiṭhārē. sādara pāya punita pakhārē..
dhūpa dīpa naibēda bēda bidhi. pūjē bara dulahini maṃgalanidhi..
bārahiṃ bāra āratī karahīṃ. byajana cāru cāmara sira ḍharahīṃ..
bastu anēka nichāvara hōhīṃ. bharīṃ pramōda mātu saba sōhīṃ..
pāvā parama tatva janu jōgīṃ. amṛta lahēu janu saṃtata rōgīṃ..
janama raṃka janu pārasa pāvā. aṃdhahi lōcana lābhu suhāvā..
mūka badana janu sārada chāī. mānahuom samara sūra jaya pāī..

7.1.350

चौपाई
ਚਾਰਿ ਸਿਂਘਾਸਨ ਸਹਜ ਸੁਹਾਏ। ਜਨੁ ਮਨੋਜ ਨਿਜ ਹਾਥ ਬਨਾਏ।।
ਤਿਨ੍ਹ ਪਰ ਕੁਅਿ ਕੁਅ ਬੈਠਾਰੇ। ਸਾਦਰ ਪਾਯ ਪੁਨਿਤ ਪਖਾਰੇ।।
ਧੂਪ ਦੀਪ ਨੈਬੇਦ ਬੇਦ ਬਿਧਿ। ਪੂਜੇ ਬਰ ਦੁਲਹਿਨਿ ਮਂਗਲਨਿਧਿ।।
ਬਾਰਹਿਂ ਬਾਰ ਆਰਤੀ ਕਰਹੀਂ। ਬ੍ਯਜਨ ਚਾਰੁ ਚਾਮਰ ਸਿਰ ਢਰਹੀਂ।।
ਬਸ੍ਤੁ ਅਨੇਕ ਨਿਛਾਵਰ ਹੋਹੀਂ। ਭਰੀਂ ਪ੍ਰਮੋਦ ਮਾਤੁ ਸਬ ਸੋਹੀਂ।।
ਪਾਵਾ ਪਰਮ ਤਤ੍ਵ ਜਨੁ ਜੋਗੀਂ। ਅਮਰਿਤ ਲਹੇਉ ਜਨੁ ਸਂਤਤ ਰੋਗੀਂ।।
ਜਨਮ ਰਂਕ ਜਨੁ ਪਾਰਸ ਪਾਵਾ। ਅਂਧਹਿ ਲੋਚਨ ਲਾਭੁ ਸੁਹਾਵਾ।।
ਮੂਕ ਬਦਨ ਜਨੁ ਸਾਰਦ ਛਾਈ। ਮਾਨਹੁਸਮਰ ਸੂਰ ਜਯ ਪਾਈ।।

6.1.350

चौपाई
ଚାରି ସିଂଘାସନ ସହଜ ସୁହାଏ| ଜନୁ ମନୋଜ ନିଜ ହାଥ ବନାଏ||
ତିନ୍ହ ପର କୁଅି କୁଅ ବୈଠାରେ| ସାଦର ପାଯ ପୁନିତ ପଖାରେ||
ଧୂପ ଦୀପ ନୈବେଦ ବେଦ ବିଧି| ପୂଜେ ବର ଦୁଲହିନି ମଂଗଲନିଧି||
ବାରହିଂ ବାର ଆରତୀ କରହୀଂ| ବ୍ଯଜନ ଚାରୁ ଚାମର ସିର ଢରହୀଂ||
ବସ୍ତୁ ଅନେକ ନିଛାବର ହୋହୀଂ| ଭରୀଂ ପ୍ରମୋଦ ମାତୁ ସବ ସୋହୀଂ||
ପାବା ପରମ ତତ୍ବ ଜନୁ ଜୋଗୀଂ| ଅମୃତ ଲହେଉ ଜନୁ ସଂତତ ରୋଗୀଂ||
ଜନମ ରଂକ ଜନୁ ପାରସ ପାବା| ଅଂଧହି ଲୋଚନ ଲାଭୁ ସୁହାବା||
ମୂକ ବଦନ ଜନୁ ସାରଦ ଛାଈ| ମାନହୁସମର ସୂର ଜଯ ପାଈ||

5.1.350

चौपाई
ചാരി സിംഘാസന സഹജ സുഹാഏ. ജനു മനോജ നിജ ഹാഥ ബനാഏ..
തിന്ഹ പര കുഅി കുഅ ബൈഠാരേ. സാദര പായ പുനിത പഖാരേ..
ധൂപ ദീപ നൈബേദ ബേദ ബിധി. പൂജേ ബര ദുലഹിനി മംഗലനിധി..
ബാരഹിം ബാര ആരതീ കരഹീം. ബ്യജന ചാരു ചാമര സിര ഢരഹീം..
ബസ്തു അനേക നിഛാവര ഹോഹീം. ഭരീം പ്രമോദ മാതു സബ സോഹീം..
പാവാ പരമ തത്വ ജനു ജോഗീം. അമൃത ലഹേഉ ജനു സംതത രോഗീം..
ജനമ രംക ജനു പാരസ പാവാ. അംധഹി ലോചന ലാഭു സുഹാവാ..
മൂക ബദന ജനു സാരദ ഛാഈ. മാനഹുസമര സൂര ജയ പാഈ..

4.1.350

चौपाई
ಚಾರಿ ಸಿಂಘಾಸನ ಸಹಜ ಸುಹಾಏ. ಜನು ಮನೋಜ ನಿಜ ಹಾಥ ಬನಾಏ..
ತಿನ್ಹ ಪರ ಕುಅಿ ಕುಅ ಬೈಠಾರೇ. ಸಾದರ ಪಾಯ ಪುನಿತ ಪಖಾರೇ..
ಧೂಪ ದೀಪ ನೈಬೇದ ಬೇದ ಬಿಧಿ. ಪೂಜೇ ಬರ ದುಲಹಿನಿ ಮಂಗಲನಿಧಿ..
ಬಾರಹಿಂ ಬಾರ ಆರತೀ ಕರಹೀಂ. ಬ್ಯಜನ ಚಾರು ಚಾಮರ ಸಿರ ಢರಹೀಂ..
ಬಸ್ತು ಅನೇಕ ನಿಛಾವರ ಹೋಹೀಂ. ಭರೀಂ ಪ್ರಮೋದ ಮಾತು ಸಬ ಸೋಹೀಂ..
ಪಾವಾ ಪರಮ ತತ್ವ ಜನು ಜೋಗೀಂ. ಅಮೃತ ಲಹೇಉ ಜನು ಸಂತತ ರೋಗೀಂ..
ಜನಮ ರಂಕ ಜನು ಪಾರಸ ಪಾವಾ. ಅಂಧಹಿ ಲೋಚನ ಲಾಭು ಸುಹಾವಾ..
ಮೂಕ ಬದನ ಜನು ಸಾರದ ಛಾಈ. ಮಾನಹುಸಮರ ಸೂರ ಜಯ ಪಾಈ..

3.1.350

चौपाई
ચારિ સિંઘાસન સહજ સુહાએ। જનુ મનોજ નિજ હાથ બનાએ।।
તિન્હ પર કુઅિ કુઅ બૈઠારે। સાદર પાય પુનિત પખારે।।
ધૂપ દીપ નૈબેદ બેદ બિધિ। પૂજે બર દુલહિનિ મંગલનિધિ।।
બારહિં બાર આરતી કરહીં। બ્યજન ચારુ ચામર સિર ઢરહીં।।
બસ્તુ અનેક નિછાવર હોહીં। ભરીં પ્રમોદ માતુ સબ સોહીં।।
પાવા પરમ તત્વ જનુ જોગીં। અમૃત લહેઉ જનુ સંતત રોગીં।।
જનમ રંક જનુ પારસ પાવા। અંધહિ લોચન લાભુ સુહાવા।।
મૂક બદન જનુ સારદ છાઈ। માનહુસમર સૂર જય પાઈ।।

2.1.350

चौपाई
চারি সিংঘাসন সহজ সুহাএ৷ জনু মনোজ নিজ হাথ বনাএ৷৷
তিন্হ পর কুঅি কুঅ বৈঠারে৷ সাদর পায পুনিত পখারে৷৷
ধূপ দীপ নৈবেদ বেদ বিধি৷ পূজে বর দুলহিনি মংগলনিধি৷৷
বারহিং বার আরতী করহীং৷ ব্যজন চারু চামর সির ঢরহীং৷৷
বস্তু অনেক নিছাবর হোহীং৷ ভরীং প্রমোদ মাতু সব সোহীং৷৷
পাবা পরম তত্ব জনু জোগীং৷ অমৃত লহেউ জনু সংতত রোগীং৷৷
জনম রংক জনু পারস পাবা৷ অংধহি লোচন লাভু সুহাবা৷৷
মূক বদন জনু সারদ ছাঈ৷ মানহুসমর সূর জয পাঈ৷৷

1.1.350

चौपाई
चारि सिंघासन सहज सुहाए। जनु मनोज निज हाथ बनाए।।
तिन्ह पर कुअँरि कुअँर बैठारे। सादर पाय पुनित पखारे।।
धूप दीप नैबेद बेद बिधि। पूजे बर दुलहिनि मंगलनिधि।।
बारहिं बार आरती करहीं। ब्यजन चारु चामर सिर ढरहीं।।
बस्तु अनेक निछावर होहीं। भरीं प्रमोद मातु सब सोहीं।।
पावा परम तत्व जनु जोगीं। अमृत लहेउ जनु संतत रोगीं।।
जनम रंक जनु पारस पावा। अंधहि लोचन लाभु सुहावा।।
मूक बदन जनु सारद छाई। मानहुँ समर सूर जय पाई।।

दोहा/सोरठा

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