352

10.1.352

चौपाई
జో బసిష్ఠ అనుసాసన దీన్హీ. లోక బేద బిధి సాదర కీన్హీ..
భూసుర భీర దేఖి సబ రానీ. సాదర ఉఠీం భాగ్య బడజానీ..
పాయ పఖారి సకల అన్హవాఏ. పూజి భలీ బిధి భూప జేవా..
ఆదర దాన ప్రేమ పరిపోషే. దేత అసీస చలే మన తోషే..
బహు బిధి కీన్హి గాధిసుత పూజా. నాథ మోహి సమ ధన్య న దూజా..
కీన్హి ప్రసంసా భూపతి భూరీ. రానిన్హ సహిత లీన్హి పగ ధూరీ..
భీతర భవన దీన్హ బర బాసు. మన జోగవత రహ నృప రనివాసూ..
పూజే గుర పద కమల బహోరీ. కీన్హి బినయ ఉర ప్రీతి న థోరీ..

9.1.352

चौपाई
ஜோ பஸிஷ்ட அநுஸாஸந தீந்ஹீ. லோக பேத பிதி ஸாதர கீந்ஹீ..
பூஸுர பீர தேகி ஸப ராநீ. ஸாதர உடீஂ பாக்ய பட஀ ஜாநீ..
பாய பகாரி ஸகல அந்ஹவாஏ. பூஜி பலீ பிதி பூப ஜேவா..
ஆதர தாந ப்ரேம பரிபோஷே. தேத அஸீஸ சலே மந தோஷே..
பஹு பிதி கீந்ஹி காதிஸுத பூஜா. நாத மோஹி ஸம தந்ய ந தூஜா..
கீந்ஹி ப்ரஸஂஸா பூபதி பூரீ. ராநிந்ஹ ஸஹித லீந்ஹி பக தூரீ..
பீதர பவந தீந்ஹ பர பாஸு. மந ஜோகவத ரஹ நரிப ரநிவாஸூ..
பூஜே குர பத கமல பஹோரீ. கீந்ஹி பிநய உர ப்ரீதி ந தோரீ..

8.1.352

चौपाई
jō basiṣṭha anusāsana dīnhī. lōka bēda bidhi sādara kīnhī..
bhūsura bhīra dēkhi saba rānī. sādara uṭhīṃ bhāgya baḍa jānī..
pāya pakhāri sakala anhavāē. pūji bhalī bidhi bhūpa jēvāomē..
ādara dāna prēma paripōṣē. dēta asīsa calē mana tōṣē..
bahu bidhi kīnhi gādhisuta pūjā. nātha mōhi sama dhanya na dūjā..
kīnhi prasaṃsā bhūpati bhūrī. rāninha sahita līnhi paga dhūrī..
bhītara bhavana dīnha bara bāsu. mana jōgavata raha nṛpa ranivāsū..
pūjē gura pada kamala bahōrī. kīnhi binaya ura prīti na thōrī..

7.1.352

चौपाई
ਜੋ ਬਸਿਸ਼੍ਠ ਅਨੁਸਾਸਨ ਦੀਨ੍ਹੀ। ਲੋਕ ਬੇਦ ਬਿਧਿ ਸਾਦਰ ਕੀਨ੍ਹੀ।।
ਭੂਸੁਰ ਭੀਰ ਦੇਖਿ ਸਬ ਰਾਨੀ। ਸਾਦਰ ਉਠੀਂ ਭਾਗ੍ਯ ਬਡ਼ ਜਾਨੀ।।
ਪਾਯ ਪਖਾਰਿ ਸਕਲ ਅਨ੍ਹਵਾਏ। ਪੂਜਿ ਭਲੀ ਬਿਧਿ ਭੂਪ ਜੇਵਾ।।
ਆਦਰ ਦਾਨ ਪ੍ਰੇਮ ਪਰਿਪੋਸ਼ੇ। ਦੇਤ ਅਸੀਸ ਚਲੇ ਮਨ ਤੋਸ਼ੇ।।
ਬਹੁ ਬਿਧਿ ਕੀਨ੍ਹਿ ਗਾਧਿਸੁਤ ਪੂਜਾ। ਨਾਥ ਮੋਹਿ ਸਮ ਧਨ੍ਯ ਨ ਦੂਜਾ।।
ਕੀਨ੍ਹਿ ਪ੍ਰਸਂਸਾ ਭੂਪਤਿ ਭੂਰੀ। ਰਾਨਿਨ੍ਹ ਸਹਿਤ ਲੀਨ੍ਹਿ ਪਗ ਧੂਰੀ।।
ਭੀਤਰ ਭਵਨ ਦੀਨ੍ਹ ਬਰ ਬਾਸੁ। ਮਨ ਜੋਗਵਤ ਰਹ ਨਰਿਪ ਰਨਿਵਾਸੂ।।
ਪੂਜੇ ਗੁਰ ਪਦ ਕਮਲ ਬਹੋਰੀ। ਕੀਨ੍ਹਿ ਬਿਨਯ ਉਰ ਪ੍ਰੀਤਿ ਨ ਥੋਰੀ।।

6.1.352

चौपाई
ଜୋ ବସିଷ୍ଠ ଅନୁସାସନ ଦୀନ୍ହୀ| ଲୋକ ବେଦ ବିଧି ସାଦର କୀନ୍ହୀ||
ଭୂସୁର ଭୀର ଦେଖି ସବ ରାନୀ| ସାଦର ଉଠୀଂ ଭାଗ୍ଯ ବଡ଼ ଜାନୀ||
ପାଯ ପଖାରି ସକଲ ଅନ୍ହବାଏ| ପୂଜି ଭଲୀ ବିଧି ଭୂପ ଜେବା||
ଆଦର ଦାନ ପ୍ରେମ ପରିପୋଷେ| ଦେତ ଅସୀସ ଚଲେ ମନ ତୋଷେ||
ବହୁ ବିଧି କୀନ୍ହି ଗାଧିସୁତ ପୂଜା| ନାଥ ମୋହି ସମ ଧନ୍ଯ ନ ଦୂଜା||
କୀନ୍ହି ପ୍ରସଂସା ଭୂପତି ଭୂରୀ| ରାନିନ୍ହ ସହିତ ଲୀନ୍ହି ପଗ ଧୂରୀ||
ଭୀତର ଭବନ ଦୀନ୍ହ ବର ବାସୁ| ମନ ଜୋଗବତ ରହ ନୃପ ରନିବାସୂ||
ପୂଜେ ଗୁର ପଦ କମଲ ବହୋରୀ| କୀନ୍ହି ବିନଯ ଉର ପ୍ରୀତି ନ ଥୋରୀ||

5.1.352

चौपाई
ജോ ബസിഷ്ഠ അനുസാസന ദീന്ഹീ. ലോക ബേദ ബിധി സാദര കീന്ഹീ..
ഭൂസുര ഭീര ദേഖി സബ രാനീ. സാദര ഉഠീം ഭാഗ്യ ബഡജാനീ..
പായ പഖാരി സകല അന്ഹവാഏ. പൂജി ഭലീ ബിധി ഭൂപ ജേവാ..
ആദര ദാന പ്രേമ പരിപോഷേ. ദേത അസീസ ചലേ മന തോഷേ..
ബഹു ബിധി കീന്ഹി ഗാധിസുത പൂജാ. നാഥ മോഹി സമ ധന്യ ന ദൂജാ..
കീന്ഹി പ്രസംസാ ഭൂപതി ഭൂരീ. രാനിന്ഹ സഹിത ലീന്ഹി പഗ ധൂരീ..
ഭീതര ഭവന ദീന്ഹ ബര ബാസു. മന ജോഗവത രഹ നൃപ രനിവാസൂ..
പൂജേ ഗുര പദ കമല ബഹോരീ. കീന്ഹി ബിനയ ഉര പ്രീതി ന ഥോരീ..

4.1.352

चौपाई
ಜೋ ಬಸಿಷ್ಠ ಅನುಸಾಸನ ದೀನ್ಹೀ. ಲೋಕ ಬೇದ ಬಿಧಿ ಸಾದರ ಕೀನ್ಹೀ..
ಭೂಸುರ ಭೀರ ದೇಖಿ ಸಬ ರಾನೀ. ಸಾದರ ಉಠೀಂ ಭಾಗ್ಯ ಬಡಜಾನೀ..
ಪಾಯ ಪಖಾರಿ ಸಕಲ ಅನ್ಹವಾಏ. ಪೂಜಿ ಭಲೀ ಬಿಧಿ ಭೂಪ ಜೇವಾ..
ಆದರ ದಾನ ಪ್ರೇಮ ಪರಿಪೋಷೇ. ದೇತ ಅಸೀಸ ಚಲೇ ಮನ ತೋಷೇ..
ಬಹು ಬಿಧಿ ಕೀನ್ಹಿ ಗಾಧಿಸುತ ಪೂಜಾ. ನಾಥ ಮೋಹಿ ಸಮ ಧನ್ಯ ನ ದೂಜಾ..
ಕೀನ್ಹಿ ಪ್ರಸಂಸಾ ಭೂಪತಿ ಭೂರೀ. ರಾನಿನ್ಹ ಸಹಿತ ಲೀನ್ಹಿ ಪಗ ಧೂರೀ..
ಭೀತರ ಭವನ ದೀನ್ಹ ಬರ ಬಾಸು. ಮನ ಜೋಗವತ ರಹ ನೃಪ ರನಿವಾಸೂ..
ಪೂಜೇ ಗುರ ಪದ ಕಮಲ ಬಹೋರೀ. ಕೀನ್ಹಿ ಬಿನಯ ಉರ ಪ್ರೀತಿ ನ ಥೋರೀ..

3.1.352

चौपाई
જો બસિષ્ઠ અનુસાસન દીન્હી। લોક બેદ બિધિ સાદર કીન્હી।।
ભૂસુર ભીર દેખિ સબ રાની। સાદર ઉઠીં ભાગ્ય બડ઼ જાની।।
પાય પખારિ સકલ અન્હવાએ। પૂજિ ભલી બિધિ ભૂપ જેવા।।
આદર દાન પ્રેમ પરિપોષે। દેત અસીસ ચલે મન તોષે।।
બહુ બિધિ કીન્હિ ગાધિસુત પૂજા। નાથ મોહિ સમ ધન્ય ન દૂજા।।
કીન્હિ પ્રસંસા ભૂપતિ ભૂરી। રાનિન્હ સહિત લીન્હિ પગ ધૂરી।।
ભીતર ભવન દીન્હ બર બાસુ। મન જોગવત રહ નૃપ રનિવાસૂ।।
પૂજે ગુર પદ કમલ બહોરી। કીન્હિ બિનય ઉર પ્રીતિ ન થોરી।।

2.1.352

चौपाई
জো বসিষ্ঠ অনুসাসন দীন্হী৷ লোক বেদ বিধি সাদর কীন্হী৷৷
ভূসুর ভীর দেখি সব রানী৷ সাদর উঠীং ভাগ্য বড় জানী৷৷
পায পখারি সকল অন্হবাএ৷ পূজি ভলী বিধি ভূপ জেবা৷৷
আদর দান প্রেম পরিপোষে৷ দেত অসীস চলে মন তোষে৷৷
বহু বিধি কীন্হি গাধিসুত পূজা৷ নাথ মোহি সম ধন্য ন দূজা৷৷
কীন্হি প্রসংসা ভূপতি ভূরী৷ রানিন্হ সহিত লীন্হি পগ ধূরী৷৷
ভীতর ভবন দীন্হ বর বাসু৷ মন জোগবত রহ নৃপ রনিবাসূ৷৷
পূজে গুর পদ কমল বহোরী৷ কীন্হি বিনয উর প্রীতি ন থোরী৷৷

1.1.352

चौपाई
जो बसिष्ठ अनुसासन दीन्ही। लोक बेद बिधि सादर कीन्ही।।
भूसुर भीर देखि सब रानी। सादर उठीं भाग्य बड़ जानी।।
पाय पखारि सकल अन्हवाए। पूजि भली बिधि भूप जेवाँए।।
आदर दान प्रेम परिपोषे। देत असीस चले मन तोषे।।
बहु बिधि कीन्हि गाधिसुत पूजा। नाथ मोहि सम धन्य न दूजा।।
कीन्हि प्रसंसा भूपति भूरी। रानिन्ह सहित लीन्हि पग धूरी।।
भीतर भवन दीन्ह बर बासु। मन जोगवत रह नृप रनिवासू।।
पूजे गुर पद कमल बहोरी। कीन्हि बिनय उर प्रीति न थोरी।।

दोहा/सोरठा

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